TU SHAH E KHUBAN NAAT LYRICS

TU SHAH E KHUBAN NAAT LYRICS

 

Tu Shah E Khuban Tu Jaan E Jaana
Hai Chehra Ummul Khitab Tera
Na Ban Saki Hai Na Ban Sake Ga
Misal Teri Jawab Tera

Tu Sab Se Awwal Tu Sab Se Aakhi
Mila Hai Husn E Dawam Tujko
Hai Umar Lakho Baras Ki Teri
Magar Hai Taza Shabab Tera

Khuda Ki Kudrat Ne Dal Rakhe
Hai Tujh Pe Sattar Hazaar Parde
Jahaan Me Lakho Hi Tur Bante
Jo Ek Bhi Utha Hijab Tera

Ho Mushq O Ambar Ya Boo E Jannat
Nazar Me Uski Hai Be Haqeeqat
Mila Hai Jisko Mala Hai Jisne
Pasina Rashk E Gulaab Tera

Mai Tere Husn O Bayaan Ke Sadqe
Mai Teri Meethi Zubaan Ke Sadqe
Ba Rang E Khushboo Dilo Pe Utra
Hai Kitna Dilkash Khitaab Tera

Hai Tu Bhi Saa’im Ajeeb Insaan
Jo Khouf E Mehshar Se Hai Harasan
Arre Tu Jinki Hai Naat Padhta
Wohi To Lenge Hisaab Tera

 

TU SHAH E KHUBAN NAAT LYRICS
TU SHAH E KHUBAN NAAT LYRICS

 

 

———————————–

तू शाह-ए-खूबाँ, तू जान-ए-जानाँ, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा Hindi Lyrics

तू शाह-ए-खूबाँ, तू जान-ए-जानाँ, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा
न बन सकी है, न बन सकेगा, मिसाल तेरी, जवाब तेरा

तू शाह-ए-खूबाँ, तू जान-ए-जानाँ, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

तू सब से अव्वल, तू सब से आख़िर, मिला है हुस्न-ए-दवाम तुझ को
है उम्र लाखों बरस की तेरी मगर है ताज़ा शबाब तेरा

तू शाह-ए-खूबाँ, तू जान-ए-जानाँ, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

ख़ुदा की कुदरत ने डाल रखे हैं तुझ पे सत्तर हज़ार पर्दे
जहाँ में लाखों ही तूर बनते जो इक भी उठा हिज़ाब तेरा

तू शाह-ए-खूबाँ, तू जान-ए-जानाँ, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

मैं तेरे हुस्न-ओ-बयाँ के सदक़े, मैं तेरी मीठी ज़ुबाँ के सदक़े
ब-रंग-ए-ख़ुशबू दिलों पे उतरा, है कितना दिलकश ख़िताब तेरा

तू शाह-ए-खूबाँ, तू जान-ए-जानाँ, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

हो मुश्क़-ओ-अम्बर या बू-ए-जन्नत, नज़र में उसकी है बे-हक़ीक़त
मिला है जिसको, मला है जिसने, पसीना रश्क-ए-गुलाब तेरा

तू शाह-ए-खूबाँ, तू जान-ए-जानाँ, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

है तू भी साइम ! अजीब इंसाँ, जो ख़ौफ़-ए-महशर से है हिरासाँ
अरे ! तू जिन की है नात पढ़ता वो ही तो लेंगे हिसाब तेरा

तू शाह-ए-खूबाँ, तू जान-ए-जानाँ, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

शायर:
अल्लामा साइम चिश्ती

Leave a Comment