Main Hoon Banda Tera Tu Hai Malik Mera Ya Ilahi Tere Dar Pe Khada Hoon Sawali Lyrics

Main Hoon Banda Tera Tu Hai Malik Mera Ya Ilahi Tere Dar Pe Khada Hoon Sawali Lyrics

 

 

Main Hun Banda Tera, Tu Hai Maalik Mera

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Jis Ko Chaahe Gadaagar Bana De

Jis Ko Chaahe Tu Takht Par Bitha De

Tu Hai Maalik Yakta, Tujh Saa Koi Kahaan

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Main Hun Banda Tera, Tu Hai Maalik Mera

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Dene Waala Tu Hai Mera Allah

Sunne Waala Tu Hai Mera Allah

Tu Hai Sab Se Aa’la, Tu Hai Sab Se Baala

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Main Hun Banda Tera, Tu Hai Maalik Mera

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Tujh Ko Koi Yakta Bhi Na Maane

Ye Haqeeqat Hai Wo Log Jaane

Aag Un Ki Saza Hogi Roz-E-Jaza

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Main Hun Banda Tera, Tu Hai Maalik Mera

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Tu Ne Paani Men Machhli Ko Paala

Tu Ne Patthar Se Keeda Nikaala

Tu Hai Sab Se Bada, Tu Hai Sab Se Juda

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Main Hun Banda Tera, Tu Hai Maalik Mera

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Koi Maa’bood Tera Nahin Hai

Tere Mohtaaj, Ya Rab ! Sabhi Hain

Tu Hai Mushkil-Kusha, Tu Hai Haajat-Rawa

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Main Hun Banda Tera, Tu Hai Maalik Mera

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Tere Dar Pe Gadaagar Hun Gaalib

Tera Adna Sana-Gar Hun Gaalib

Mujh Ko Tu, Ya Khuda ! Seedhi Raah Par Chala

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

Main Hun Banda Tera, Tu Hai Maalik Mera

Ya Ilaahi !

Tere Dar Pe Khada Hun Sawaali

 

 

मैं हूँ बंदा तेरा, तू है मालिक मेरा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

जिस को चाहे गदागर बना दे
जिस को चाहे तू तख़्त पर बिठा दे
तू है मालिक यक्ता, तुझ सा कोई कहाँ
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

मैं हूँ बंदा तेरा, तू है मालिक मेरा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

देने वाला तू है मेरा अल्लाह
सुनने वाला तू है मेरा अल्लाह
तू है सब से आ’ला, तू है सब से बाला
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

मैं हूँ बंदा तेरा, तू है मालिक मेरा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

तुझ को कोई यक्ता भी न माने
ये हक़ीक़त है वो लोग जाने
आग उन की सज़ा होगी रोज़-ए-जज़ा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

मैं हूँ बंदा तेरा, तू है मालिक मेरा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

तू ने पानी में मछली को पाला
तू ने पत्थर से कीड़ा निकाला
तू है सब से बड़ा, तू है सब से जुदा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

मैं हूँ बंदा तेरा, तू है मालिक मेरा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

कोई मा’बूद तेरा नहीं है
तेरे मोहताज, या रब ! सभी हैं
तू है मुश्किल-कुशा, तू है हाजत-रवा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

मैं हूँ बंदा तेरा, तू है मालिक मेरा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

तेरे दर पे गदागर हूँ ग़ालिब
तेरा अदना सना-गर हूँ ग़ालिब
मुझ को तू, या ख़ुदा ! सीधी राह पर चला
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

मैं हूँ बंदा तेरा, तू है मालिक मेरा
या इलाही !
तेरे दर पे खड़ा हूँ सवाली

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