जागो शब-ए-बरात इबादत की रात है | Jago Shabe Barat Lyrics
जागो शब-ए-बरात इबादत की रात है
Jago Shabe Barat Lyrics
अल्लाह अल्लाह
अल्लाह करम अल्लाह
अल्लाह अल्लाह
अल्लाह करम अल्लाह
जागो शब-ए-बरात इबादत की रात है
सजदे में सर झुकाओ शफ़ाअ़त की रात है
जागो शब-ए-बरात इबादत की रात है
इस शब में जिसने मांगा वोही उसको मिल गया
अल्लाह ने मुरादों से दामन को भर दिया
ख़ाली ना कोई जाएगा इस शब बरात में
महशर में भी वोह होगा मोहम्मद के साथ में
ईमान ताज़ा होता है इस शब बरात को
बख़्शी है वोह मौला ने ये ताक़त इस रात को
बंदों पे अपने उनकी इनायत की रात है
जागो शब-ए-बरात इबादत की रात है
सजदे में सर झुकाओ शफ़ाअ़त की रात है
जागो शब-ए-बरात इबादत की रात है
सुन ले सदा मजबूरों की ऐ मालिक-ए-जहां
भर देना मांगते हैं मुरादों से झोलियां
रह जाए ना मायूस कोई आज सवाली
दामन किसी का जाए ना मौला मेरे खाली
ये रात क्या है आज ज़माने को बता दे
सदके़ में मोहम्मद के कोई जल्वा दिखा दे
बंदों को तोहफ़ा बख़्शा है बंदा नवाज़ ने
जागो शब-ए-बरात इबादत की रात है
सजदे में सर झुकाओ शफ़ाअ़त की रात है
जागो शब-ए-बरात इबादत की रात है
Recited by: Rao Ali Hasnain