Naat Lyrics in Hindi

Naat Lyrics in Hindi

 

 

Naat Lyrics in Hindi
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CHALO DIYAAR-E-NABI KI JAANIB NAAT LYRICS

चलो दियार-ए-नबी की जानिब दुरूद लब पर सजा सजा कर
बहार लूटेंगे हम करम की दिलों को दामन बना बना कर

ना उन के जैसा सखी है कोई, ना उन के जैसा ग़नी है कोई
वो बे-नवा-ओ का हर जगह से नवाज़ते हैं बुला बुला कर

मैं वो निकम्मा हूँ जिसकी झोली में कोई हुस्न-ए-अमल नहीं है
मगर वो इहसान कर रहे हैं ख़ता-एन मेरी छुपा छुपा कर

है उनकी उम्मत से प्यार कितना, करम है रहमत शाएर कितना
हमारे जुर्मों को धो रहे हैं वो अपने आंसू बहा बहा कर

यही आसास-ए-अमल है मेरी, इसी से बिगड़ी बनी है मेरी
समेटता हूँ करम ख़ुदा का नबी की नातें सुना सुना कर

वो राहें अब तक सजी हुई हैं, दिलों का काबा बनी हुई हैं
जहां जहां से हुज़ूर गुज़रे हैं, नक़्श अपना जमा जमा कर

अगर मुक़द्दर ने यावरी की, अगर मदीने गया मैं ख़ालिद
क़दम क़दम ख़ाक उस गली की, मैं चूम लूंगा उठा उठा कर

CHAL QALAM AB HAMD E RABB MAQSOOD HAI Naat Lyrics In Hindi

चल कलम अब हम्द-ए-रब्ब मकसूद है
तेरा मेरा सब का जो माबूद है

है वही शाहिद वही मशहूद है
नूर उसका हर जगह मौजूद है

उसने ही हमको बख्शे है हमको मुस्तफा
ये ना हो तो ज़िंदगी बे-सुद है

यूं तो है कुरआन हिदायत की किताब
पर किसी का तज़्किरा मकसूद है

वद-दुहा वश-शम्स जिसकी शान है
हाँ वही अहमद वही महमूद है

उन का चर्चा हर जबा पर है रवा
उनकी ख़ुश्बू हर जगह मौजूद है

अज़्मत-ए-अहमद में जिसको है शुबा
हाँ वही शैतान वही मरदूद है

और जो करता है उन पर जान फिदा
वो मुबारक है वही मसूद है

नूर की बरसात होती है वहाँ
जिस जगह पर महफ़िल-ए-मौलूद है

पढ़ते रहिए नज़्मी नात-ए-मुस्तफा
हाँ इसी में रूह की बेहबूद है

Bayan Ho Kis Zuban Se Martaba Siddiq E Akbar Ka Naat Lyrics In Hindi

बयां हो किस ज़बां से मरतबा सिद्दीक़-ए-अकबर का,
है यार-ए-गार महबूब-ए-खुदा सिद्दीक-ए-अकबर का।

इलाही रहम फरमा खादिम-ए-सिद्दीक-ए-अकबर हूं,
तेरी रहमत के सदके वास्ता सिद्दीक-ए-अकबर का।

रूसूल और अंबिया के बाद जो अफज़ल हो आलम में,
ये आलम में है किसका मरतबा सिद्दीक-ए-अकबर का।

गदा सिद्दीक-ए-अकबर का खुदा से फ़ज़्ल पाता है,
खुदा के फ़ज़्ल से मैं हूं गदा सिद्दीक-ए-अकबर का।

नबी ﷺ का और खुदा का मदह-गो सिद्दीक-ए-अकबर है,

नबी ﷺ सिद्दीक-ए-अकबर का, खुदा सिद्दीक-ए-अकबर का।

ज़िया में महर-ए-आलम ताब का यूँ नाम कब होता,
ना होता नाम अएलगर वजह-ए-ज़िया सिद्दीक-ए-अकबर का।

ज़ईफ़ी में ये क़ुव्वत है ज़ईफ़ों को क़वी कर दें,
सहारा लें ज़ईफ़ो-अक़विया सिद्दीक-ए-अकबर का।

खुदा इकराम फरमाता है अतका कह के कुरआं में,
करेँ फ़िर क्यों न इकराम अतिकिया सिद्दीक़-ए-अकबर का।

सफा वो कुछ मिली खाक-ए-सिर कु-ए-पयम्बर से,
मुसफ्फा आइना है नक्श-ए-पा सिद्दीक-ए-अकबर का.

हुए फारूक-ओ-उस्मान-ओ-अली जब दखिल-ए-बैअत,
बना फख्र-ए-सलासिल सिलसिला सिद्दीक-ए-अकबर का.

मकाम-ए-ख्वाब-ए-राहत चैन से आराम करने को,
बना पहलू-ए-महबूब-ए-खुदा सिद्दीक-ए-अकबर का.

अली हैं उसके दुश्मन और वो दुश्मन अली का है,
जो दुश्मन अक्ल का दुश्मन हुआ सिद्दीक-ए-अकबर का.

लुटाया राह-ए-हक़ में घर कई बार इस मोहब्बत में,
के लूट कर हसन घर बन गया सिद्दीक-ए-अकबर का।

Bade Peer Be-Nazeer Tum Pe Dil Qur’baan Hai Manqabat Shareef Lyrics In Hindi

बड़े पीर बे-नज़ीर तुम पे दिल क़ुर्बान है,

महबूब-ए-सुबहान हो तुम ये मेरा ईमान है।

रौज़े पे चांदनी है जलवों के नूर की,

दुखियों के वास्ते है रहमत हुज़ुर की

,

जिलान वाले आका मेरा सलाम लो,

बगदाद वाले दूल्हा गिरतो को थाम लो,

ऐ सरकार शहर-ए-यार सदके तुमपे जान है,

महबूब-ए-सुबहान हो तुम ये मेरा ईमान है।

पाया है जीलां तुमने शाही घराना,

सारा जमाना है तुम्हारा दीवाना,

आता है जो भी दर-ए-अकदस पे दूर से,

जाता है ले के मुरादें वो हुज़ुर से,

तुम हो नूर ऐ हुज़ूर सबसे आला शान है,

महबूब-ए-सुबहान हो तुम ये मेरा ईमान है।

मेरी तलब तो प्यारे तेरा दीदार है,

बगदाद वाले ये दिल तुमपे निसार है,

हिज्र में तेरे मेरा दिल बे-क़रार है,

जलवा दिखा दो वरना जीना दुशवार है,

ऐ जिलां ऐ मीरा ये मेरा अरमान है,

महबूब-ए-सुबहान हो तुम ये मेरा ईमान है।

है मेरी आरज़ु मैं बगदाद आऊं,

बगदाद आके अपना दुखड़ा सुनाउं,

दुखड़ा सुना के तुमको अपना बनाऊं,

जी चाहता है तुमपे कुर्बान जाऊं,

गौस-ए-पाक मैं हूं खाक मेरी क्या पहचान है,

महबूब-ए-सुबहान हो तुम ये मेरा ईमान है।

Sarwara Shaha Karima Naat Lyrics In Hindi

सरवरा शहा करीमा दस्तगीरा अशरफा,
हुरमत-ए-रूह-ए-पयंबर यक नज़र कुन सुए-मा।

ऐ‌ शह-ए-सीमानानो-गौ़स-ए-आ़लमो-पीर-ए-हुदा,
साहिब-ए-फ़ज़लो-अ़ता सर चश्मा-ए-जूदो शखा़,
तेरे दर पर तेरा मंगता दस्त-बस्ता है खड़ा,
लाज रख ले मेरे दाता मेरे खाली हाथ का।

सरवारा शाहा करीमा दस्तगीरा अशरफा,
हुरमत-ए-रूह-ए-पयंबर याक नज़र कुन सुए-मा।

क़ुब्बा-ए-बैज़ा फ़लक रिफअत है और मेहराबो-माह,
देखते हैं टोपीया थामे सभी मोहताज-ओ-शाह,
आस्ताना क़सरे जन्नत से फुज़ुं रखता है जाह,
हां दिखा‌ दे जलवा-ए-जे़बा भी अब बहर-ए-इलाह।

सरवारा शाहा करीमा दस्तगीरा अशरफा,
हुरमत-ए-रूह-ए-पयंबर याक नज़र कुन सुए-मा।

शहर-ए-यार-ए-औलिया ऐ‌ साहिब-ए-इज़्ज़ो-वका़र,
ऐ गु़ल-ए-बाग़-ए-विलायत दोनों आ़लम की बहार,
हो ख़जा़ने ग़म के हाथों आज कल ज़ारो नज़ार,
तेरी चौखट पर खड़ा हूं हाथ बांधे अश्क-बार।

सरवारा शाहा करीमा दस्तगीरा अशरफा,
हुरमत-ए-रूह-ए-पयंबर याक नज़र कुन सु-ए-मा।

एक तरिक़े पर नहीं रहता कभी दुनिया का हाल,
हर कमाल-ए-राज़-ओ-वाल-ओ-हर ज़वाल-ए-राकमाल,
कट गई फु़र्कत की रातें अब तो हो रोज़-ए-विसाल,
हां निकल ऐ आफताब-ए-हुस्न अय माह्र-ए-जमाल।

सरवारा शाहा करीमा दस्तगीरा अशरफा,
हुरमत-ए-रूह-ए-पयंबर याक नज़र कुन सु-ए-मा।

आ गए हैं अब अ़दावत पर बहुत अहल-ए-ज़मन,
एक मैं हूं न-तवां और लाख हैं रंजो-महन,
सैय्यद-ए-मोहताज की सुन लो बराए पंजतन,
बोल बाला हो तेरा आबाद तेरी अंजुमन।

सरवारा शाहा करीमा दस्तगीरा अशरफा,
हुरमत-ए-रूह-ए-पयंबर याक नज़र कुन सुए-मा।

Kya Shan Payi Allahu Akbar Lyrics In Hindi

क्या शान पाई अल्लाहू अकबर,
सिद्दिक ए अकबर, सिद्दीक ए अकबर।
सरकार के हो तुम खास दिलबर,
सिद्दिक ए अकबर, सिद्दीक ए अकबर।

तुम ही तो ठहरे पहले खलिफा,
हर एक सहाबी है काईल तुम्हारा,
फारूक हो या उस्मानो हैदर,
सिद्दिक ए अकबर, सिद्दीक ए अकबर।

हर वक़्त आक़ा के साथ रहते,
सफ़रो हज़र में बाज़ारों घर,
अब भी लहद में उनके बराबर,
सिद्दिक ए अकबर, सिद्दीक ए अकबर।

कैसी है रौनक उस्मां उमर भी,
दरबार में है हाज़िर अली भी,
करते हैं बैअत शब्बीरो शब्बर,
सिद्दिक ए अकबर, सिद्दीक ए अकबर।

हो एक पल्ला में ईमान इनका,
और दूसरे में ईमान सबका,
हर एक मोमिन से ईमां में बरतर,
सिद्दिक ए अकबर, सिद्दीक ए अकबर।

गुस्तखी करते हैं शैखैन की जो,
चेहरे बिगड़ते हैं उन काफिरों के,
अल्लाहू अकबर ये कुदरत ये तेवर,
सिद्दिक ए अकबर, सिद्दीक ए अकबर।

असहाब के गुण गाते रहेंगे,
इज़्ज़त पे पहरा देते रहेंगे,
हम भी उजागर खादिम हैं नौकर,
सिद्दिक ए अकबर, सिद्दीक ए अकबर।

Aye Hub e Watan Saath Na Youn Soye Najaf Ja Lyrics In Hindi

ऐ हु़ब्ब-ए-वतन साथ न यूं सु-ए-नजफ़ जा,
हम और तरफ जाते हैं तू और तरफ जा।

चल हिंद से चल हिंद से चल हिंद से गा़फिल,
उठ सु-ए-नजफ़, सु-ए-नजफ़, सु-ए-नजफ़ जा।

फंसता है वबालो में अबस अख़्तर-ए-ता़लाअ़,
सरकार से पाएगा शरफ़ बहर-ए-शरफ़ जा।

आंखों को भी महरूम न रख हुस्न-ए-जि़या से,
की दिल में अगर ऐ मा-ए-बे-दाग़ो-कलफ़ जा।

ऐ कुलफ़त-ए-ग़म बंदा-ए-मौला से ना रख काम,
बे-फा़यदा होती है तेरी उमर-ए-तलफ़ जा।

तलअत-ए-शाह आ तुझे मौला की क़सम आ,
ऐ जु़ल्मत-ए-दिल जा तुझे उस रुख का हलफ़ जा।

हो जलवा फिजा़ साहिब-ए-कौ़सैन का नाइब,
हां तीर दुआ बहर-ए-खुदा सु-ए-हदफ़ जा।

क्यों गर्क़-ए-अलम है दुर्रे-ए-मक़सूद से मुंह भर,
निसान-ए-करम की तरफ ऐ तशना सदफ़ जा।

जिलां के शरफ़ ह़ज़रत-ए-मौला के ख़लफ़ हैं,
ऐ न ख़लफ़ उठ जानिब-ए-ताज़ीम-ए-ख़लफ़ जा।

तफ़ज़ील का जो या ना हो मौला की विला में,
यूं छोड़ के गौहर को न तू बहर-ए-ख़ज़फ़ जा।

Naseebon Ko Jagaya Hai Ali Ne Lyrics

Nara e Haidari Ya Ali Ya Ali Lyrics

मौला की इमामत से मोह़ब्बत है तो गा़फि़ल,
अरबाब-ए-जमाअत की न तू छोड़ के सफ़ जा।

कह दे कोई घेरा है बलाओं ने हसन को,
ऐ शेर-ए-खुदा बहर-ए-मदद तेग़-ए-बकफ़ जा।

Tere Gharane Ki Azmaton Ko Salam Zahra Lyrics In Hindi

तेरे घराने की अज़मतों को सलाम ज़हरा, सलाम ज़हरा,
तेरे तक़द्दुस की रिफ़अतों को सलाम ज़हरा, सलाम ज़हरा।

तुम्हारे सदके वक़ार क़ायम, जहां में है मां ओ बेटियों का,
तुम्हारी चादर की इज्ज़तो को सलाम ज़हरा, सलाम ज़हरा।

बिलाल हब्शी कभी अबू ज़र, कभी है जबरील तेरे दर पर,
तुम्हारी चौखट के खादिमो को सलाम ज़हरा, सलाम ज़हरा।

जहाँ भी होता है ज़िक्र तेरे अज़ीम घर का मोहब्बतें से,
मैं रोज़ करता हूँ उन घरो को सलाम ज़हरा सलाम ज़हरा।

सुहेल फारूकी जैसे लाखो, गदा इनायत की भीख मांगे,
तुम्हारे घर की इनायतो को सलाम ज़हरा, सलाम।

Mera Imaan Ali Hai Lyrics In Hindi

मेरा ईमान अली है, अली मेरी जान अली है।

सहबा में जिनकी शान नबी (ﷺ) ने बता दिया,
सूरज को जिनके वास्ते वापस बुला लिया।

मेरा ईमान अली है, अली मेरी जान अली है।

दिल में अली अली हो ज़बां पर अली अली,
मर जाऊं तो मेरे कफ़न पे भी लिखना अली अली।

मेरा ईमान अली है, अली मेरी जान अली है।

ख़ामोश है तो दीन की पहचान अली है,
गर बोले तो लगता है के क़ुरआन अली है,
कुरआन तो देता है हमे दावत ए इमां,
ईमान ये कहता है मेरी जान अली है।

मेरा ईमान अली है, अली मेरी जान अली है।

सुन कर अली का नाम जो चेहरे बिगड़ गए,
ऐसा लगा हुसैन के क़ातिल पकड़ गए।

मेरा ईमान अली है, अली मेरी जान अली है।

ये किसने कह दिया के नहीं आयेंगे मौला,
तुम दिल से पुकारो तो यहीं आयेंगे मौला।

मेरा ईमान अली है, अली मेरी जान अली है।

तुम जैसे फेक देते हो कागज़ को फाड़ कर,
वैसे अली ने फेका है ख़ैबर उखाड़ कर।

मेरा ईमान अली है, अली मेरी जान अली है।

उल्फत अली की सारे ज़माने में छा गई,
और शेर ए रज़ा के दर ये आवाज़ आ गई।

मेरा ईमान अली है, अली मेरी जान अली है।

Wilayat Ke Mahe Mubeen Ghous E Azam Lyrics In Hindi

विलायत के माह–ए –मुबीं गौस ए आज़म,

रसूलों के तुम जां नशीं गौस ए आज़म।

शबो रोज़ जलवें हो तेरे नज़र में,

कटे यूं ही उम्र ए हसीं गौस ए आज़म।

हो बग़दादो तैयबा का फैज़ान मुझ पर,

रहे दोनों मुझसे करीं गौस ए आज़म।

चलो फिर दयार ए हबीब ए खुदा को,

मिले सदका ए 11वी गौस ए आज़म।

बरसता रहे मुझपे बारान ए रहमत,

रहे मेरे दिल में मकीं गौस ए आज़म।

नबी (ﷺ) के दुलारे हुसैनो हसन हैं,

हो तुम उनके नूर ए मुबीं गौस ए आज़म।

झुका है ये सर तेरी अज़मत के आगे,

है ज़ेर ए क़दम ये जबीं गौस ए आज़म।

मुज़य्यन है जलवों से अब तक तुम्हारे,

बहार ए गुलिस्तान ए दीं गौस ए आज़म।

न रूठू ज़माने के ज़ोरो सितम से,

मुझे दीजिए वो यकीं गौस ए आज़म।

बचा लो मुझे उनके शर्रो फितन से,

के है घाट में हासिदीं गौस ए आज़म।

है पेश ए नज़र आलाहज़रत का रौज़ा,

मिले हो हमे तुम यहीं गौस ए आज़म।

रज़ा साथ हो और शेर ए रज़ा भी,

हो जिस दम, दम ए वापसी गौस ए आज़म।

न डूबा न डूबे हमारा सफीना,

के है न–खुदा बिल–यकीं गौस ए आज़म।

छुपा लेंगे खुशतर को दामन में अपने,

तुफैल ए रज़ा है यकीं गौस ए आज़म।

Qadira Sarwara Rehnuma Dastageer Manqabat Sharif Lyrics In Hindi

क़ादरा ! सरवरा ! रहनुमा ! दस्तगीर,

गौस-ए-आज़म ईमाम-ए-मुबी़ं बे-नज़ीर।

तु जिस चाहे दे, जिस क़दर छाहे दे,

तेरी बख्शीश निराली अता बे-नज़ीर।

ज़िक्र से तेरे टल जाएं सब मुश्किलें,

नाम से तेरे पाए रिहाई असीर।

तेरे ज़ेर-ए-क़दम औलिया, अस्फ़िया,

सरवरे सरवारा ! पीर-ए-रौशन ज़मीर।

तू है आईना-ए-सीरत-ए-मुस्तफा (ﷺ)

तू अलीमो-खबीरो-बशीरो-नज़ीर।

ये वज़ीफ़ा है हर ग़म का दरमां वक़ार,

गौस-ए-आजम मदद ! अल-मदद दस्तगीर।

Banda Hooñ Tere Dar Ka Ay Sayyad-e-Jilaani Manqabat Shareef Lyrics In Hindi

बंदा हूं तेरे दर का ऐ सैय्यद-ए-जिलानी,

कहलता हूं मैं तेरा ऐ सैय्यद-ए-जिलानी।

है सिलसिला-ए-उल्फत उस ज़ूल्फ-ए-मुसलसल से,

सर पे है तेरा सौदा ऐ सैय्यद-ए-जिलानी।

तेरे रुख-ए-ज़ेबा पर मेरा दिल-ए-दीवाना,

सौ जान से है शैदा ऐ सैय्यद-ए-जिलानी।

इस इज़्ज़-ओ-करामत का इस शान-ए-जलालत का है,

आलम में नहीं तुझसा ऐ सैय्यद-ए-जिलानी।

मुश्ताक-ए-ज़ियारत है ऐ अशरफ़ी बे-दिल,

बगदाद इसे बुलवा ऐ सैय्यद-ए-जिलानी ।

Saat Samundar Par Hai Bhari Qatra Gaus-e-Aazam Ka Manqabat Shareef Lyrics In Hindi

चांद सितारों से बढ़ कर है ज़र्रा गौस ए आज़म का,

सात समंदर पर है भारी क़तरा गौस ए आज़म का।

अब्दुल कादिर को क़ादीर ने ऐसी कुदरत बख्शी है,

क़ब्र से मुर्दा उठ के लगाए नारा गौस ए आज़म का।

कस्मे दे कर ही खिलाए अब्दुल कादिर को कादिर,

मर्ज़ी ए मौला का होता है लुक्मा गौस ए आज़म का।

सत्तर घर में कैसे पहुंचे जब ये समझना मुश्किल था,

पेड़ के पत्तों पर देखा तब जलवा गौस ए आज़म का।

बोले फरिश्ते इसको न छेड़ो ये है सग ए गौस ए आज़म,

देखो गले में इसके पड़ा है पट्टा गौस ए आज़म का।

Saat Samundar Par Hai Bhari Qatra Gaus-e-Aazam Ka Manqabat Shareef Lyrics In Hindi

चांद सितारों से बढ़ कर है ज़र्रा गौस ए आज़म का,

सात समंदर पर है भारी क़तरा गौस ए आज़म का।

अब्दुल कादिर को क़ादीर ने ऐसी कुदरत बख्शी है,

क़ब्र से मुर्दा उठ के लगाए नारा गौस ए आज़म का।

कस्मे दे कर ही खिलाए अब्दुल कादिर को कादिर,

मर्ज़ी ए मौला का होता है लुक्मा गौस ए आज़म का।

सत्तर घर में कैसे पहुंचे जब ये समझना मुश्किल था,

पेड़ के पत्तों पर देखा तब जलवा गौस ए आज़म का।

बोले फरिश्ते इसको न छेड़ो ये है सग ए गौस ए आज़म,

देखो गले में इसके पड़ा है पट्टा गौस ए आज़म का।

Sarkar E Gause Azam Nazre Karam Khudara Lyrics In Hindi

सरकार ए गौस ए आज़म नज़्र ए करम खुदारा,

मेरा ख़ाली कासा भर दो मैं फ़कीर हुं तुम्हारा।

झोली को मेरी भर दो वरना कहेगी दुनिया,

ऐसे सखी का मंगता फिरता है मारा मारा।

सब का कोई न कोई दुनिया में आसरा है,

मेरा बा–जुज़ तुम्हारे कोई नहीं सहारा।

मीरा बने हैं दूल्हा महफिल सजी हुई है,

सब औलिया बाराती क्या खूब है नज़ारा।

ये अता ए दस्तगीरी कोई मेरे दिल से पूछे,

वहीं आ गए मदद को मैंने जब जहां पुकारा।

ये तेरा करम है या गौस जो बना लिया है अपना,

कहां मुझसा ये कमिना कहां सिलसिला तुम्हारा।

Shai-An-Lillah Ya Abdal Qadir Manqabat Shareef Lyrics In Hindi

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

इधर भी निगाहे करम गौस ए आज़म,

करो दूर रंजो अलम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

खिलाता पिलाता है रब्ब ए दोआलम,

तुम्हें दे के अपनी क़ासम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

घिरा में हर सम्त से रंजो गम में,

खुदारा करम कर करम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

वो रूतबा तेरा है को जीतने वाली हैं,

सभी तेरे ज़ेर ए क़दम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

Shai Al Lillah Ya Abdul Qadir Lyrics

है गर्दन में मेरी गुलामी का पट्टा,

तुझी से है मेरा भरम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

मेरे चांद मेरा मुकद्दर सवारों,

बहुत हो गए पेचो ख़म गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

मुझे ख्वाब में आ के जलवा दिखा दो,

करो आज की शब करम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

नज़र जब उठाऊं नज़र आए मुझको,

मदीने का दिलकश हरम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

मेरा हर मरज़ दूर हो जाए प्यारे,

करो ऐसा आ कर के दम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

Shai Al Lillah Ya Abdul Qadir Lyrics

तेरा हूं मैं तेरा मेरे इस कहे का,

सरे हश्र रखना भरम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

बहुत चुभ रहा है खुदारा निकलो,

मेरे दिल से तीर ए अलम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

कहीं गिर न जाऊं खुदारा संभालो,

मेरे डग मगाए क़दम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

जिलां पाए दिल उबैद ए रज़ा का,

ज़रा रख दो अपना क़दम गौस ए आज़म।

शै–अन लिल्लाह या अब्दल क़ादिर

साकिन-अल-बग़दाद या शैखुल जिलानी।

Tere Qadmo Me Aana Mera Kaam Tha Naat Sharif Lyrics In Hindi

तेरे कदमों में आना मेरा काम था,

मेरी बड़ी बनाना तेरा काम है।

मेरी आंखों को है डीड की आरजू,

रुख से पर्दा उठाना तेरा काम है।

तेरी चौखत कहां और कहां ये जबीं,

तेरे फैजो़-करम की तो हद ही नहीं,

जिन को दुनिया में कोई ना अपना कहे,

उनको अपना बनाना तेरा काम है।

Tere Qadmo Me Aana Mera Kaam Tha Lyrics

मेरे दिल में तेरी याद का राज़ है,

ज़ेहन तेरे तसव्वुर का मोहताज है,

एक निगाहे करम ही मेरी लाज है,

लाज मेरी निभाना तेरा काम है।

आखिरी वक़्त हो तेरे बीमार का,

एक क़तरा मिले जाम-ए-दीदार का,

आखिरी मेरे दिल की है हसरत यही,

अब ये हसरत मिटाना तेरा काम है।

मेरे दिल का सुख, मेरे दिल की सदा,

है ज़हूरी सना-ए-हबीब-ए-खुदा,

ये सदा-ए-अकीदत ऐ बाद-ए-सबा,

जा कर उनको सुनाना तेरा काम है।

Meera Waliyon Ke Imam Manqabat Shareef Lyrics In Hindi

मीरा वलियों के इमाम,

दे दो पंजतन के नाम,

हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से,

डालो नज़र-ए-करम सरकार,

अपने मंगतो पर एक बार,

हमने आस है लगायी बड़ी डर से।

Meera Waliyon Ke Imam Lyrics

दिल की कली मेरी आज खिली है,

आप आए हैं खबर मिली,

जरा धीरे धीरे आओ,

लिल्लाह करम फरमाओ,

हमने महफिल है सजयी बड़ी डर से।

तुम जो बनाओ बात बनेगी,

दोनो जहां में लाज रहेगी,

लजपाल करम अब कर दो,

मंगतों की झोली भर दो,

भर दो कासा सबका पंजतनी खैर से।

क़ल्बो-नज़र में नूर समाया,

एक सुरूर ज़हन पे छाया,

जब मीरा लगे पिलाने,

मेरे होश लगे ठिकाने,

ऐसी पी है मैं मय दस्तगीर से।

Meeran Waliyon Ke Imam Lyrics

मुश्किल जब भी सर पर आई,

तेरी रहमत आड़े आई,

जब मैंने तुम्हें पुकारा,

काम आया तेरा सहारा,

चलता आसी का गुज़ारा तेरी खैर से।

Mil Gayi Aisi Ziya Hai Gaus-e-Aazam Aapse Manqabat Shareef Lyrics In Hindi

मिल गई ऐसी ज़िया है गौस ए आज़म आपसे,

दिल में रौशन हुआ है गौस ए आज़म आपसे।

जानो दिल कुर्बान कर देना नबी (ﷺ) के नाम पे,

हमने तो ये ही पढ़ा है गौस ए आज़म आपसे।

कर दिया सब कुछ अता हमको खुदा के फज़्ल से,

क्या नहीं हमको मिला है गौस ए आज़म आपसे।

आपकी चश्म ए तवज्जो ही का तो ये फैज़ है,

भर गया दामन मेरा है गौस ए आज़म आपसे।

दिफअतन ही सारे आलमो मसाईब मिट गए,

हाल अपना जब कहा है गौस ए आज़म आपसे।

Guldan-e-Murtaza Ke Hain Gulaab Gaus-e-Aazam Manqabat Shareef Lyrics In Hindi

गुलदान ए मुर्तज़ा के हैं गुलाब गौस ए आज़म,

हैं सितारे औलिया तो माहताब गौस ए आज़म।

अभी चांदनी लुटाए भरी दोपहर का सूरज,

तू हटा दे अपने रुख से जो नक़ाब गौस ए आज़म।

जिस हर्फ हर्फ पढ़ कर हुए औलिया भी कामिल,

वही नूर ए मारिफ़त की है किताब गौस ए आज़म।

तेरा ज़िक्र अब्र ए रहमत, तेरी फ़िक्र जान ए रहमत,

तुझे सोचना मुसलसल है सबाब गौस ए आज़म।

तुझे मुस्तफा (ﷺ) के सदके वो मक़ाम रब ने बख्शा,

न मिसाल औलिया में न जवाब गौस ए आज़म।

तेरे जलवा ए हसीं से कोई क्या नज़र मिलाए,

भला किसमे इतनी होगी तब–ताब गौस ए आज़म।

तेरा इश्क़ रखने वाला हुआ जन्नती मुसाफिर,

तेरा बुग्ज़ तो खुदा है अज़ाब गौस ए आज़म।

Fatima Ka Ladla Wo Hussain Ibne Ali Lyrics

फातिमा का लाडला, जो अली के घर पला,
वो हुसैन इब्ने अली ।

पैकर ए सबरो रज़ा, बादशाहे करबला,
वो हुसैन इब्ने अली।

कौन है सरदारे जन्नत, किस के नाना हैं नबी (ﷺ),
की मां हैं फातिमा, भाई हसन बाबा अली,

लाए थे किस के लिए जिब्रील कपड़े जन्नती,
वो हुसैन इब्ने अली।

है मेरी आंखों की ठंडक, है मेरे इस दिल का चैन,
मैं हुसैन इब्ने अली से हुं तो मुझसे से है हुसैन,

ज़ालिमाें क्या भूल बैठे ये हदीस ए पाक भी,
वो हुसैन इब्ने अली।

सजदे को लंबा करे सरकार (ﷺ) जिनके वास्ते,
जिनको कांधे पर बिठा कर तय कराए रास्ते,

चूमते रहते हों जिनको हर घड़ी प्यारे नबी (ﷺ)
वो हुसैन इब्ने अली।

अपने नाना का मदीना मां की तुरबत छोड़ दी,
एक वादे के लिए जीने की चाहत छोड़ दी,

हश्र तक उनकी तरह आया ना आयेगा कोई,
वो हुसैन इब्ने अली।

जिनके बाज़ूओ की ताक़त हों अली शेर ए खुदा,
कर गई हो परवरिश जिनकी जनाब ए फातिमा,

कौन उनसे छीन पाए जुल्फीक़ारे हैदरी,
वो हुसैन इब्ने अली।

हँस के अकबर की जवानी को लुटा कर दीन पर,
कर के कुर्बां गोद में छह माह का नन्हा जिगर,

दीन ए पाक ए मुस्तफा (ﷺ) को दे रहें हैं ज़िंदगी,
वो हुसैन इब्ने अली।

Fatima Teri Chadar Ka Kya Puchna Lyrics In Hindi

फातिमा तेरी चादर का पुछना,
तेरी चादर का एहसान इस्लाम पर,
तेरी चादर के टुकड़े 72 हुए,
उन 72 का एहसान इस्लाम पर।

सैय्यदा तेरे बाबा हबीब-ए-खुदा (ﷺ),
तेरे शौहर हैं मौला अली मुर्तज़ा,
तेरे बच्चे शहीदान-ए-कर्बोबला,
तेरे घर भर का एहसान इस्लाम पर।

रन में ज़ैनब ने यूं हक अदा कर दिया,
यानी तामिल-ए-हुक्म-ए-खुदा कर दिया,
अपने बच्चों को दीं पर फिदा कर दिया,
ऐसी मादर का एहसान इस्लाम पर।

वक़्त आया तो आका ने सर दे दिया,
राह-ए-हक़ में नवासो का सर दे दिया,
एक जान ही नहीं घर घर दिया,
इब्न-ए-हैदर का एहसान इस्लाम पर।

ज़िक्र-ए-जांबाज़ तालिब करें क्या बयान,
लुट गए रण में जब सारे पीर-ओ-जवान,
हद तो ये एक तिशना लब, बे-जुबां,
नन्हे असगर का एहसान इस्लाम पर।

CHOOTE NA KABHI TERA DAMAN YA KHWAJA MOINUDDIN HASAN NAAT LYRICS

छूटे ना कभी तेरा दामन
या ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन
है तुम पे फ़िदा सब तन मन दान
या ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन

अजमेर मुझे पहुंचादे खुदा
चादर मैं चढ़ाहूँ फूलों की
ये सदक़ा करूँ तन मन अपना
या ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन

फ़र्ज़ंदे अली हो नूर-ए-नबी
मेहबूब-ए-ख़ुदा हैं ज़ात तेरी
एक बार दिखा रौज़ा अपना
या ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन

काबा हो मदीना हो या नज़फ़
हर सम्पत् नज़र तुम आते हो
कुछ ऐसी लगी है तुम से लगन
या ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन

वलियों के वली हो तुम ख्वाजा
और इब्ने साख़ी हो तुम ख्वाजा
तुम आल-ए-नबी, अवलाद-ए-अली
या ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन

आक़ा की अताह वो नूर-ए-अली
ज़हरा की कली वलियों के वली
हसनैन के दिल उस्मान के नयन
या ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन

CHAMKA MAHE NOOR KA HILAL NAAT LYRICS

बेकसों से है जिन्हें प्यार वही आए हैं
दोनों आलम के हैं गमख्वार वही आए हैं।

या रसूलअल्लाह صلى الله عليه وسلم मरहबा मरहबा
या हबीबअल्लाह صلى الله عليه وسلم मरहबा मरहबा

एक नजर आसमान पर डाल मरहबा,
चमका माह-ए-नूर का हिलाल मरहबा।

जंडे लगाओ, गलियां सजाओ
करलो चरागा, घर जगमगाओ

राज़ी होगा रब्ब-ए-ज़ुलजलाल मरहबा
महफ़िल सजाओ नाते सुनाओ

आक़ा की आमद की धूम मचाओ
रोज़ो शब यही हो अपना हाल मरहबा

आशिक के दिल जगमगाने लगे हैं
देखो ज़रा मुस्कुराने लगे हैं

शाहकार-ए-रब्ब-ज़ुलजलाल मरहबा
सदक़ा विलादत का जलवा दिखा दो

दिल की लगी अब तो आक़ा बुझा दो
दिखला दो अपना अब जमाल मरहबा

जुड़ो सकाह्वत से आदत तुम्हारी
फैलाए दमन खड़े हैं भिकारी

कर दो करम अमीना के लाल मरहबा
जमे शहादत पिया है जिन्होने

अहले सुनन को जिला दी उन्होने
याद आएंगे वो हर साल मरहबा

शादी के नगमे सुनाते रहेंगे
जश्ने विलादत मनाते रहेंगे

वार देंगे तुमपे जानोमल मरहबा..
पढ़ने लगा जब उबैद उनकी नाते

होने लगी चरसू उसकी बातें,
फ़ैज़े रज़ा का है सब कमाल मरहबा

Garib Aaye Hai Dar Par Tere Garib Nawaz Lyrics In Hindi

ग़रीब आयें हैं दर पर तेरे ग़रीब नवाज़,
करो गरीब नवाज़ी मेरे गरीब नवाज़।

तुम्हारे दर की करामत ये बारहां देखी,
ग़रीब आए हैं और हो गए ग़रीब नवाज़।

लगा के आस बड़ी दूर से मैं आया हूं,
मुसाफिरो पे करम किजिए ग़रीब नवाज़।

तुम्हारी ज़ात से मेरा बड़ा ताल्लुक है,
के मैं गरीब बड़ा तुम बड़े गरीब नवाज।

ना मुझ सा कोई गदा है ना तुम सा कोई करीम,
ना दर से उठुंगा बे-कुछ लिए ग़रीब नवाज़।

हुजूर अशरफ-ए-सिमना के नाम का सदका,
हमारी झोली को भर दिजिए ग़रीब नवाज़।

ज़माने भर से मुझे कर दिया गनी सय्यद,
मैं सदक़े जाऊं तेरी जोग के गरीब नवाज।

Nara e Haidari Ya Ali Ya Ali Lyrics In Hindi

जिसके हाथों में है जुल्फिका़र-ए-नबी (ﷺ)
जिसके पहलू में है शहसवार-ए-नबी (ﷺ)
दुख़्तार-ए-मुस्तफा़ (ﷺ) जिसकी दुल्हन बनी,
जिसके बेटों से नस्ल-ए-नबी (ﷺ) है चली,
हां वही, हां वही, वो अ़ली, वो अ़ली,
नारा-ए-हैदरी या अ़ली या अ़ली।

जिसके बारे में फरमाएं प्यारे नबी (ﷺ)
जिसका मौला हूं मैं उसके मौला अ़ली,
जिसकी तलवार की जग में शोहरत हुई,
जिसके कुंबे से रस्म-ए-शुजाअत चली,
हां वही, हां वही, वो अ़ली, वो अ़ली,
नारा-ए-हैदरी या अ़ली या अ़ली।

जो नबी (ﷺ) का हुआ वो अ़ली का हुआ,
जो अ़ली का हुआ वो नबी (ﷺ) का हुआ,
या अ़ली कह दिया सारा ग़म टल गया,
नाम से जिनकी हर रंजो कुलफत टली,
हां वही, हां वही, वो अ़ली, वो अ़ली,
नारा-ए-हैदरी या अ़ली या अ़ली।

Naseebon Ko Jagaya Hai Ali Ne Lyrics

Murtaza Shere Khuda Imdad Kun Lyrics

जिसको शाह-ए-विलायत का रुतबा मिला,
जीते जी जिसको जन्नत का मुज़्दा मिला,
सय्यद-ए-दोजहाँ जिसको रुतबा मिला,
सिलसिले जिस पे सारे हुए मुंतही,
हां वही, हां वही, वो अ़ली, वो अ़ली,
नारा-ए-हैदरी या अ़ली या अ़ली।

सैय्यदों के वही जद्द-ए-आ़ला भी हैं,
मेरे नाना भी हैं मेरे दादा भी हैं,
मेरे आका़ भी हैं मेरे मौला भी हैं,
नज़्मी तुझको जो निस्बत उन्हीं से मिली,
हां वही, हां वही, वो अ़ली, वो अ़ली,
नारा-ए-हैदरी या अ़ली या अ़ली।

Ahle Nazar Ki Aankh Ka Tara Ali Ali Lyrics In Hindi

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अहल-ए-नज़र की आंख का तारा अली अली,
अहल-ए-वफा के दिल का सहारा अली अली।

जंगल पहाड़ कहते हैं नाद-ए-अली अली,
मुश्किल को मेरी हाल करो मुश्किल कुशा अली।

रहमत ने ले लिया मुझे आगोश-ए-नूर में,
मैने कभी जो रो के पुकारा अली अली।

एक कैफ एक सुरूर सा रहता है रात दिन,
जब से हुआ है विर्द हमारा अली अली।

दुनिया में सबसे आली घराने के नूर हो,
इस वास्ते है नाम तुम्हारा अली अली।

आज़म ये मगफिरत की सनद है हमारे पास,
हम हैं अली के और हमारा अली अली।

CHOR FIKR DUNIYA KI CHAL MADINE CHALTE HAIN NAAT LYRICS

छोड़ फिक्र दुनिया की, चल मदीने चलते हैं
मुस्तफा गुलामों की किस्मतें बदलते हैं।

रहमतों के बादल के साये साथ चलते हैं
मुस्तफा के दीवाने, घर से जब निकलते हैं।

हमको रोज़ मिलता है सदक़ा प्यारे आका का
उनके दर के टुकड़ों पर हम जैसे ख़ुश नसीब पलते हैं।

आमिना के प्यारे का, सब्ज़ गुम्बद वाले का
जश्न हम मनाते, जलने वाले जलते हैं।

सिर्फ़ सारी दुनिया में, वो ताइबा की गलियाँ हैं
जिस जगह पे हम जैसे, खोटे सिक्के चलते हैं।

सच हैं ग़ैर का एहसान, वो कभी नहीं लेते
आए आलीम आका के जो टुकड़ों पे पलते हैं।

Maula Ali Maula Maula Ali Maula Naat Lyrics In Hindi

मौला अली मौला, मौला अली मौला,
मौला अली मौला, मौला अली मौला।

मंज़र फिदा-ए-दहर में सारा अली का है,
जिस समत देखे वो नज़ारा अली का है।

मौला अली मौला, मौला अली मौला,
मौला अली मौला, मौला अली मौला।

ख़ामोश है तो दीन की पहचान अली है,
गर बोले तो लगता है के कुरआन अली है,
हर यज़ीदी से कह सुन्नियो खुल कर,
इस्लाम अली है मेरा ईमान अली है।

मौला अली मौला, मौला अली मौला,
मौला अली मौला, मौला अली मौला।

मुझे मुश्किलों से क्या ख़तरा अली का नाम काफ़ी है,
अज़ल का रोक दूं रस्ता अली का नाम काफ़ी है,
लहद में या अली कह कर अचानक मैं जो उठ बैठा,
फ़रिश्तो ने कहा सो जा अली का नाम काफ़ी है।

मौला अली मौला, मौला अली मौला,
मौला अली मौला, मौला अली मौला।

अली के नाम का नारा लगा नहीं सकता,
अली के ज़िक्र की महफ़िल सजा नहीं सकता,
अली के बेटे इज्जत अगर ना दे तो,
किसी का बाप भी जन्नत में जा नहीं सकता।

मौला अली मौला, मौला अली मौला,
मौला अली मौला, मौला अली मौला।

बने सूफी जज़्बात में बहने वाले,
कलंदर बने इश्क में जलने वाले,
क़ुतुब बन गए दर्दो-गम सहने वाले,
वली बन गए या अली कहने वाले।

मौला अली मौला, मौला अली मौला,
मौला अली मौला, मौला अली मौला।

Naseebon Ko Jagaya Hai Ali Ne Lyrics

बेदम यही तो पांच है मकसूद-ए-कायनात,
खैर-उन-निसा हुसैन-ओ-हसन मुस्तफा अली।

मौला अली मौला, मौला अली मौला,
मौला अली मौला, मौला अली मौला।

Murtaza Shere Khuda Imdad Kun Naat Lyrics In Hindi

मुर्तज़ा शेर-ए-ख़ुदा मरहब-कुशा ख़ैबर कशा,
सरवरा लश्कर कशा मुश्किल कुशा इमदाद कुन।

हैदरा-अज़-दर दारा ज़िरगाम हाइल मंज़रा,
शह़र-ए-इरफ़ान रा-दरा रौशन-दुरा इमदाद कुन।

ज़ैगमा गैज़ो-गमा ज़ैग-ओ-फ़ितन रा-रागीमा,
पहलवान-ए-ह़क़ अमीर-ए-ला फ़ता इमदाद कुन।

ऐ ख़ुदारा तेगो अय अंदम-ए-अहमद रा-सिपर,
या अली या बुल-हसन या बुल-उला इमदाद कुन।

या यदुल्लाह या क़वी या ज़ोर-ए-बाज़ू-ए-नबी (ﷺ),
मन-ज़े पा उफ्तादम ऐ दस्त-ए-खुदा इमदाद कुन।

ऐ निगार-ए-राज़-दार-ए-क़स्रिल्लाह इंतेजा,
ऐ बहार-ए-लाला-ज़ार-ए-इन्नमा इमदाद कुन।

ऐ तनत राजा-मह पुर-ज़र जलवा-बारी अबा,
ऐ सरत रा-ताजे गौहर-ए-हिल अता इमदाद कुन।

ऐ रूख़त रा-गाज़ा तत्हीरो-इज़हाब-ए-नजस,
ऐ लबत रा माया-ए-फस्ल-उल-क़ज़ा इमदाद कुन।

ऐ बज-बात हरिर ऐमन-ज़े-शम्सो-ज़म्हर-ए-यर,
ऐ तुरा फिरदौस मुश्ताक-ए-लीका़ इमदाद कुन।

ऐ बा हज़रत रोज़-ए-हसरत रू ब-नुसरत जां बसोज़,
शुक्र ऐं नुसरत ब-यक नजरत-मरा इमदाद कुन।

या तालेक़ल वज़्ह-ही-फ़ी यौमिन अबूसीन क़मतरिर
या बहीज-अल-कल्बी-फी यौमिल असा इमदाद कुन।

ऐ वकाहुम रब्बुहुम अमानत-जे़-शर्रे मुस्ततीर
मुजरिमम मी-जोयम-अज़-कैफेरे वका़ इमदाद कुन।

अय तनत-दर राह-ए-मौला खाक-व-जानत अर्श-ए-पाक
बू-तुराब ऐ खाकियां दा पेशवा इमदाद कुन।

ऐ शब-ए-हिजरत बजाए मुस्तफा बर रख़्त-ए-ख्वाब,
ऐ दम-ए-शिद्दत फिदाए मुस्तफा इमदाद कुन।

ऐ अदुव्वे कुफ्र-ओ-नस्ब-ओ-रफज़-ओ-तफज़ील-ओ-खुरूज
ऐ उल्लुव-ए-सुन्नत-ओ-दीन-ए-हुदा इमदाद कुन।

शम्म-ए-बज़्म-ओ-तैग़ रज़्म-ओ-कोह-ए-आज़म-ओ-कान-ए-हज़म
ऐ कज़ा वे फ़ज़ूं तर-अज़-कज़ा इमदाद कुन।