MEETHA MEETHA HE MERE MUHAMMAD KA NAAM NAAT LYRICS

MEETHA MEETHA HE MERE MUHAMMAD KA NAAM NAAT LYRICS

 

Meetha meetha he mere Muhammad ka naam
Un pe laakhon karoron durood o salam

Waqt laaye khuda jaaye Darbaar par
Aur khare ho ke Rawza-e-Sarkar par
Pesh mil kar kare ham durood o salaam
Un pe laakhon karoron durood o salam

Wohi Hasni Hussain chaman ke hain phool
Noor-e-Maula Ali jaan-e-Zahra batool
Jis ke Nana Rasul-e-Khuda zi makaan
Un pe laakhon karoron durood o salam

La makaan ke bane hain wohi to makeen
Jin ki naal’ain ko choome Arsh-e-barhin
Jo khuda se huwe Arsh par ham kalaam
Un pe laakhon karoron durood o salam

Shah-e-Konain wo ruh-e-daarain wo
Fakhr-e-Hasnain wo Ghaws-e-Saqlain wo
Jin ke dar ka hai Hafiz bhi adnaa ghulaam
Un pe laakhon karoron durood o salaam.

 

MEETHA MEETHA HE MERE MUHAMMAD KA NAAM NAAT LYRICS
MEETHA MEETHA HE MERE MUHAMMAD KA NAAM NAAT LYRICS

 

 

Meetha Meetha Hai Mere Muhammad Ka Naam

मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम
उन पे लाखों करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम

मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम
मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम

जिस ने आ के सँवारा है दारैन को
जिस की रहमत ने ढाँपा है कौनैन को
जिस के दम से ही ये रौनकें हैं तमाम
उन पे लाखों करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम

मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम
मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम

ला-मकाँ के बने हैं वोही तो मकीं
जिन के ना’लैन को चूमे ‘अर्श-ए-बरीं
जो ख़ुदा से हुए ‘अर्श पर हम-कलाम
उन पे लाखों करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम

मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम
मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम

वक़्त लाए ख़ुदा, जाएँ दरबार पर
और खड़े हो के रौज़ा-ए-सरकार पर
पेश मिल कर करें हम दुरूद-ओ-सलाम
उन पे लाखों करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम

मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम
मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम

इक ख़ुदा की रज़ा जिस का मक़्सूद था
ज़ुल्म सहता रहा, शुक्र करता रहा
जिस के सब्र-ओ-तहम्मुल के चर्चे हैं आम
उन पे लाखों करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम

मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम
मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम

वोही हसनी-हुसैनी चमन के हैं फूल
नूर-ए-मौला-‘अली, जान-ए-ज़हरा-बतूल
जिन के नाना रसूल-ए-ख़ुदा ज़ी-मक़ाम
उन पे लाखों करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम

मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम
मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम

शाह-ए-कौनैन वो, रूह-ए-दारैन वो
फ़ख़्र-ए-हसनैन वो, ग़ौस-ए-सक़लैन वो
जिन के दर का है हाफ़िज़ भी अदना ग़ुलाम
उन पे लाखों करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम

मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम
मीठा मीठा है मेरे मुहम्मद का नाम

शायर:
हाफ़िज़ मुहम्मद हुसैन हाफ़िज़
 
ना’त-ख़्वाँ:
प्रोफ़ेसर अब्दुर्रउफ़ रूफ़ी
हुदा सिस्टर्स
लाइबा फ़ातिमा
हाफ़िज़ अहमद रज़ा क़ादरी

 

 

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