Kab Pyas Bujhai Jayegi Kab Jaam Pilaya Jayega Lyrics

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Kab Pyas Bujhai Jayegi Kab Jaam Pilaya Jayega | कब प्यास बुझाई जाएगी कब जाम पिलाया जाएगा – Naat Lyrics

Kab Pyas Bujhai Jayegi Kab Jaam Pilaya Jayega lyrics
Kab pyas bujhai jaayegi kab Jaam pilaya jaayega

Kab dard Ke maaron ko aaqa Taiba mein bulaya jaayega.

Khushboo Bhi lagayi jaayegi dulha Bhi banaya jaayega

Jis waqt janaaze ko mere kandhe pe uthaya jaayega.

Jo bikhre hue Hain Karbal mein Sarkar Ke gulshan Ke gunche

Un saare Muqaddas pholon se jannat ko sajaaya jaayega.

Chehre ko khula rakhna mere hai Meri waseeyat ae logon

Kehte Hain lahed mein aaqa ka deedar karaya jaayega.

Bin dekhe hi jab ye aalam hai us waqt ka aalam Kya hoga

Sarkar Ke chehra e aqdas ko jis waqt dikhaya jaayega.

Jitne Hain nabi wo sabke sab mehshar mein manayenge Rab ko

Ek zaate Muhammad hai jisko mehshar mein manaya jaayega.

 

 

Transcript

के कब प्यास बुझाई जाएगी कब जाम पिलाया
जाएगा कब प्यास बुझाई जाएगी कब जाम पिलाया
जाएगा कब प्यास बुझाई

 

जाएगी प्यास बुझाई जाएगी कब जाम पिलाया
जाएगा और कब दर्द के मारो को आका कब दर्द
के मारो को आका कब दर्द के मारो को आका
तैबा में बुलाया जाएगा

सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह में बला मोहब्बत से कहिए
सुभानल्ला और तड़प पर कहिए या रसूल अल्लाह

अब देखिए मैं हुसन मतला पेश कर रहा हूं
इसको सुनने के बाद वही लोग सुभान अल्लाह
बोले जिनको मरना है और जिनको नहीं मरना है
वो बिलकुल खामोश बैठे रहे मैं हाजिर कर
रहा हूं मुलाहिजा करिए

 

के खुशबू भी लगाई
जाएगी दूल्हा भी बनाया जाएगा खुशबू भी लगाई जाएगी दूल्हा भी बनाया जाएगा

खुशबू भी लगाई जाए, खुशबू भी लगाई जाएगी, दूला भी बनाया जाएगा
जिस वक्त जनाजे को अपने जिस वक्त जनाजे को अपने कांधे पे उठाया जाएगा

सुभान अल्लाह

नारे तकबीर ना रिसालत नारा गत जिक शहादत मसलके आला
हजरत जनाब ताहिर रजा साहब नारे तकबीर नारे
रिसालत कलाम शेर पेश कर रहा हूं कर लीजिए
के जितने है
[संगीत]
नबी हर आदम से लेक ह लाम तक की बात कर रहा
हूं बोलिए
के जितने हैं नबी वो सबके सब महशर में
मनाएंगे रब
को जितने हैं नबी वो सबके सब महशर में
मनाएंगे रब
को जितने के नबी वो सब के
[संगीत]
सब जितने नबी वो सब के सब महशर में
मनाएंगे रब को और एक जात मोहम्मद है जिसको
एक जात मोहम्मद है जिसको महशर में मनाया
जाएगा सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह सुभान
अल्लाह सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह सुभान
अल्लाह बहुत खूब सुभान अल्लाह सुभान
अल्लाह बड़ी बड़ी
करेंसी बी बड़ी करसी रात के आखरी टाइम में
यहां निकलती है मैं समझ रहा हूं शेर आप तक
दोबारा फिर पहुचा रहा हूं मुलाहिजा कर
लीजिए जरा तब कर बोलिए सुभान
अल्लाह के जितने हैं नबी वो सबके सब महशर
में मनाएंगे रब
को जितने है नबी वो सबके
सब जितने है नबी वो सब के सब के शर में
मनाएंगे रब को और एक जात मोहम्मद है जिसको
एक जात मोहम्मद है जिसको महशर में मनाया
जाएगा एक जात मोहम्मद है जिसको महशर में
मनाया
जाएगा और शोहदा कर्बला के हवाले से ये शेर
मैं आप तक पचा रहा हूं मुलाहिजा कर लीजिए
मोहब्बत सेज लगाकर एक मर्तबा इमाम हुसैन
के नाम पर बोलिए सुभान अल्लाह सुभान
अल्लाह के जो बिखरे हुए
हैं कर्बल में सरकार की गुलशन के गुन
से जो बिखरे हुए हैं कबल में सरकार की
गुलशन के गुन से के जो बिखरे हुए हैं
कर्बल
में जो ब हुए हैं कर्बल में सरकार के
गुलशन के गुंचे उन सारे मुकद्दस फूलों से
उन सारे मुकद्दस फूलों से जन्नत को सजाया
जाएगा
उन नारा रिसालत जिक्र शहादत नारा गौ सियत
नारा हैदरी मसलके आला हजरत नारे
तकबीर देखिए इन कमेटी वालो को देखने के
बाद मुझे एक शेर और
मुला हाजिर कर रहा हूं त कर बोलिए सुभान
अल्लाह कमेटी की तरफ से शेर प रहा हूं और
कमेटी वाले क्या करने वाले मुलाज कर लीजिए
ड़प कर बोलिए सुभान अल्लाह के बिन देखे ही
जब ये आलम है तो दीदार का आलम क्या
होगा बिन देखे ही जब ये आलम है दीदार का
आलम क्या
होगा बिन देखे ही जब ये आलम
[संगीत]
है बिन देख ही जब ये आलम है तो दीदार का
आलम क्या होगा जिस वक्त रसूल अकरम का जिस
वक्त रसूल अकरम का दीदार कराया
जाएगा सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह वाह वाह
वाह बेशक वाह सुभान
अल्लाह जाएगा कब प्यास बुझाई जाएगी कब जाम
बुलाया जाएगा कब दर्द के मारों को आका
तैबा में
बुलाया
[संगीत]
जाएगा

 

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