Hum Hussaini Hain Lyrics

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)
हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

(हम हुसैनी हैं दुनिया में फैले हुए।
हुसैन हुसैन हुसैन (x2)) x2
साख्तियां कर्बला की हैं झेले हुए।
हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

हम पे साया वफ़ा और वफ़ादार का। (x2)
धूप में जैसा साया हो दीवार का। (x2)
सर पे परचम है शेह के अलमदार का। (x2)
हर कदम बढ़ रहे हैं ये कहते हुए।

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

है ये धरती अगर लाल शाहबाज़ की। (x2)
लाल शाहबाज के भी वाले हैं अली। (x2)
सरफराज़ी इसी डर से सबको मिली। (x2)
वजद में क्यों न हर कलंदर कहाय।

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

ख्वाजा अजमेर हो या निज़ाम-ओ-फ़रीद। (x2)
शह के दुश्मन को कहते हैं ये भी यज़ीद। (x2)
शेह का ग़म इन के मसलक में हक की नावीद। (x2)
कितने ऐज़ाज़ इन को ये कह कर मिलाय।

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

हक परस्ती के दुनिया में हमी रहो (x2)
गर हो मजलूम जालिम को बरहने ना दो (x2) ज़ेर
ए खंजर हुसैनी सदा वो सुनो (x2)
आज भी जिस से जालिम है देहले हुए

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

मर्द वो है जो वादे को पूरा करे (x2) ज़ेर
-ए-खंजर भी हक बात कहता रहे (x2)
सर रहे ना रहे घर लुटाए या बचाए (x2)
जज तेरे और किस में हैं ये हौसला

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

आंधियां हम को रोकें ये मुमकिन नहीं। (x2)
मू ग़म ए शेह से मोरहें ये मुमकिन नहीं। (x2)
रस्म ए गम कैसे छोरें ये मुमकिन नहीं। (x2)
हम तो रोज़-ए-अज़ल से ही तेरे हुए।

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

कुल ए ईमान मुश्किल कुशा हैं अली (x2)
कह रहे हैं नुसेरी खुदा हैं अली (x2)
ये खुदा जानता है के क्या हैं अली (x2) सारे औसाफ़
हैदर के तुझ में मिले

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

ख़ैबर-ओ-ख़ंदक-ओ-नेहरवान-ओ-जमाल. (x2)
ज़र्ब ए हैदर का कोई नहीं है बादल (x2)
ऐ ज़माने कभी राह-ए-हैदर पे चल (x2)
तेरा दिल भी मिला गा ये कहता हुआ।

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

हम आज़ाद हैं कितने खुद्दार हैं (x2)
दे के ख़ुशियाँ जो ग़म के तालाब हैं (x2)
शादी-ओ-ग़म में सरवर के गमख़्वार हैं (x2)
ऐक ही नाम है लब कभी जो हिलाए

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

अश्क रोकें अगर हम तो फट जाए दिल (x2)
गर ना मातम करें हम तो कट जाए दिल (x2)
अपने मरकज से मेहवार से हट जाए दिल (x2)
तेरी बज़्म-ए-अजा गर ना हम को मिलाय

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

हम हुसैनी हैं दुनिया में फैले हुए।
हुसैन हुसैन हुसैन. (x2)

हाए वो रोज़ ए आशूरा शेह की बहन (x2)
देखती थी उजारता जो अपना चमन (x2) खून ए
अकबर से गुलरंग था पेराहन (x2)
दे रही थी सदा बन में सर दर्द के

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

तेरी मदार का शब को जनाज़ा उठा। (x2)
तेरी हमशीर बलवे में है बे रिदा। (x2)
हाये तुझको कफ़न भी नहीं मिल सका। (x2)
ज़ख्म अब तक हमारे नहीं वो भरे।

हुसैन हुसैन हुसैन (x2)

ऐक नन्नी से तुरबत बनाई थी जा। (x2)
बे कासी पुरसा डेने को आई थी जा। (x2)
लाश ए असग़र ज़मीन में छुपी थी जा। (x2)
दामन ए सब्र छूटा न क्यूं हाथ से।

हुसैन हुसैन हुसैन. (x2)

कोई पूछे जो आबिद के दिल से ज़रा. (x2)
तेह सफ़र शाम-ओ-कुफ़ा का कैसे किया। (x2)
बेटियां फातिमा की तब जब छुटकारा हो। (x2)
चलने देतय न थाय पांव के आबले।

हुसैन हुसैन हुसैन. (x2)

ऐ रेहान आज़मी फ़िक्र हो बस यही (x2)
मातम-ए-शेह में होना न पाए कामी। (x2)
है यही जिंदगी है यही बंदगी। (x2)
मेरे अजदाद भी मुझसे ये कह गए।

हुसैन हुसैन हुसैन. (x2)

हम हुसैनी हैं दुनिया…
हुसैन हुसैन हुसैन.
हम हुसैनी हैं दुनिया…
हुसैन हुसैन हुसैन.
हम हुसैनी हैं दुनिया…
हम हुसैनी हैं दुनिया…

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