TERI JALIYOON KE NEECHY NAAT LYRICS

TERI JALIYOON KE NEECHY NAAT LYRICS

 

Teri jaliyoon ke neechy ,

Teri rematoon k saye,

Jissy dekhni ho Jannat,Wo Madina dekh aaye,

 

Taiba ko jany waly, Tujhy deti hoon duaein,

Darr-e-Mustafa pe ja ke ,

Tu jahan ko bhool jaye,

 

Roze k samny mein ye duaein mangta tha,

Meri jaan nikal nikal tu jaye,

Ya sama badal na jaye.

 

Lo chali hoon mein Lahad mein ,

Mery Mustafa se keh do,

Ke hawa Teri gali ki mujhy chorny ko aaye.

 

Wohi gham gusaar mera,

Wo zahoori yaar mera.

Meri Qabar pr jo aaye Naat-e-Nabi sunaye

 

TERI JALIYOON KE NEECHY NAAT LYRICS
TERI JALIYOON KE NEECHY NAAT LYRICS

तेरी जालियों के नीचे, तेरी रहमतों के साए / Teri Jaaliyon Ke Neeche, Teri Rahmaton Ke Saae

तेरी जालियों के नीचे, तेरी रहमतों के साए
जिसे देखनी हो जन्नत वो मदीना देख आए

न ये बात शान से है, न ये बात माल-ओ-ज़र की
वो ही जाता है मदीने, आक़ा जिसे बुलाए

तेरी जालियों के नीचे, तेरी रहमतों के साए
जिसे देखनी हो जन्नत वो मदीना देख आए

कैसी वहाँ की रातें, कैसी वहाँ की बातें
उन्हें पूछ लो नबी का जो मदीना देख आए

तेरी जालियों के नीचे, तेरी रहमतों के साए
जिसे देखनी हो जन्नत वो मदीना देख आए

रोज़े के सामने मैं ये दुआएँ माँगता था
मेरा दम निकल तो जाए, ये समां बदल न जाए

तेरी जालियों के नीचे, तेरी रहमतों के साए
जिसे देखनी हो जन्नत वो मदीना देख आए

तयबा के जाने वाले ! तुझे देता हूँ सदाएँ
दर-ए-मुस्तफ़ा पे जा के तू जहाँ को भूल जाए

तेरी जालियों के नीचे, तेरी रहमतों के साए
जिसे देखनी हो जन्नत वो मदीना देख आए

लो चला हूँ मैं लहद में, मेरे मुस्तफ़ा से कह दो
के हवा तेरी गली की मुझे छोड़ने को आए

तेरी जालियों के नीचे, तेरी रहमतों के साए
जिसे देखनी हो जन्नत वो मदीना देख आए

वो ज़हूरी ! यार मेरा, वो ही ग़म-गुसार मेरा
मेरी क़ब्र पर जो आ के नात-ए-नबी सुनाए

तेरी जालियों के नीचे, तेरी रहमतों के साए
जिसे देखनी हो जन्नत वो मदीना देख आए

शायर:
मुहम्मद अली ज़हूरी

नात-ख़्वाँ:
असद रज़ा अत्तारी

 

TERI JALIYOON KE NEECHY NAAT LYRICS
TERI JALIYOON KE NEECHY NAAT LYRICS

 

 

تیری جالیوں کے نیچے تیری رحمتوں کے سائے
جسے دیکھنی ہو جنت وہ مدینہ دیکھ آئے

کیسی وہاں کی راتیں کیسی وہاں کی باتیں
انہیں پوچھ لو نبی ﷺ کا جو مدینہ دیکھ آئے

نہ یہ بات شان سے ہے نہ یہ بات مال و زر کی
وہی جاتا ہے مدینے آقا ﷺ جسے بلائیں

روزے کے سامنے میں یہ دعائیں مانگتا تھا
میری جاں نکل تو جائے یہ سما بدل نہ جائے

لو چلا ہوں میں لحد میں میرے مصطفی ﷺ سے کہ دو
کہ ہوا تیری گلی کی مجھے چھوڑنے کو آئے

طیبہ کو جانے والے تجھے دیتا ہوں دعائیں
در مصطفی ﷺ پے جا کے تو جہاں کو بھول جائے

وہی غم گسار میرا وہ ظہوریؔ یار میرا
میری قبر پر جو آئے نعت نبیﷺ سنائے

تیری جالیوں کے نیچے تیری رحمتوں کے سائے
جسے دیکھنی ہو جنت وہ مدینہ دیکھ آئے

 

 

 

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