SYED NE KARBALA MAIN WADAY NIBHA DIYE HAIN NAAT LYRICS

SYED NE KARBALA MAIN WADAY NIBHA DIYE HAIN NAAT LYRICS

 

 

Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai

Bole Hussain Maula, Teri Raza Ki Khaatir
Ek Ek Kar Ke Maine Heere Loota Diye Hai

Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai

Deene Nabi Pe Waari, Akbar Ne Bhi Jawaani
Abbas Ne Bhi Apne Baazu Kataa Diye Hai.

Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai

Zainab Ke Baagh Mein Bhi Do Phool Te Mehekte
Zainab Ne Wo Bhi Dono Raahe Khuda Diye Hai.

Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai

Bakhshish Hai Unki Laazim, Sayyed Ke Gham Mein Hafiz
Do Chaar Aansoo Ro Kar Jis ne Baha Diye Hai.

Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai

SYED NE KARBALA MAIN WADAY NIBHA DIYE HAIN NAAT LYRICS
SYED NE KARBALA MAIN WADAY NIBHA DIYE HAIN NAAT LYRICS

 

مدرسہ حنفیہ وارث العلوم
*मदरसा ह़नफिया वारिसुल उलूम*https://chat.whatsapp.com/I3Xxywre85UAnaeLPTiPDx

हिस्सा-07

मुह़र्रमुल ह़राम

शहीदे आज़म
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नाम —– सय्यदना इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु

कुन्नियत:—- अबू अब्दुल्लाह

लक़ब —- सिब्ते रसूल,रैहानतुर रसूल,सय्यदुश शुहदा

वालिद — दामादे रसूल, ह़ज़रत सय्यना मौला अली मुश्किल कुशा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु

वालिदा — खातूने जन्नत हज़रत फातिमा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा

विलादत – 5 शाबान,4 हिजरी

बीवियां – 4,शहर बानो-रुबाब बिन्त इमरा अलक़ैस-लाईला बिन्त अबी मुर्राह अल थक़ाफी,उम्मे इस्हाक़ बिन्त तल्हा बिन उबैदुल्लाह

औलाद — 6,हज़रत ज़ैनुल आबेदीन व हज़रते सकीना शहर बानो से,हज़रत अली अकबर व फातिमा सुग़रा लाईला से,हज़रत अली असगर व सुकैना रुबाब से

विसाल — 10 मुहर्रम,61 हिजरी,जुमा

उम्र — 56 साल 5 महीने 5 दिन

आपके फज़ाइल में बेशुमार हदीसें वारिद हैं हुसूले बरकत के लिए चंद यहां ज़िक्र करता हूं

हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि हुसैन मुझ से हैं और मैं हुसैन से हूं – और फरमाते हैं कि जिसने हुसैन से मोहब्बत की उसने अल्लाह से मोहब्बत की

📕📚 मिशकातत,सफह 571

हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि जो चाहता है कि जन्नती जवानों के सरदार को देखे तो वो हुसैन को देख ले

📕📚 नूरुल अबसार,सफह 114

हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने एक मर्तबा इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को देखकर फरमाया कि आज यह आसमान वालों के नज़दीक तमाम ज़मीन वालों से अफज़ल है

📕📚 अश्शर्फुल मोअब्बद,सफह 65

हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु पर अपने बेटे हज़रत इब्राहीम रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को क़ुर्बान कर दिया

📕📚 शवाहिदुन नुबुवत,सफह 305

हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि हसन के लिए मेरी हैबत व सियादत है और हुसैन के लिए मेरी ज़ुर्रत व सखावत है

📕📚 अश्शर्फुल मोअब्बद,सफह 72

इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु बहुत बड़ी फज़ीलत के मालिक हैं आप कसरत से नमाज़-रोज़ा-हज-सदक़ा व दीग़र उमूरे खैर अदा फरमाते थे,आपने पैदल चलकर 25 हज किये

📕📚 बरकाते आले रसूल,सफह 145

करामात👇

अबु औन फरमाते हैं कि एक मर्तबा हज़रत इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का गुज़र कस्बा इब्ने मुतीअ के पास से हुआ,वहां एक कुंआ था जिसमे पानी बहुत कम रह गया था यहां तक कि डोल भी भरकर ऊपर ना आ पाता था जब लोगों ने आपको देखा तो पानी की किल्लत की शिकायत की तो आपने फरमाया कि एक डोल पानी लाओ जब पानी आ गया तो आपने उसमें थोड़ा सा मुंह में लिया और डोल में कुल्ली कर दी और फरमाया कि इसे कुंअे में डाल दो,जैसे ही कुंअे में वो पानी डाला गया कुंआ पानी से लबरेज़ हो गया और पहले से ज़्यादा ज़ायकेदार भी हो गया

📕📚 इब्ने सअद,जिल्द 5,सफह 144

ये वही हुसैन बिन अली हैं जिन पर कर्बला में 3 दिन तक पानी बंद कर दिया गया मगर ये रब की रज़ा थी जिस पर आप राज़ी थे वरना कसम खुदा की आप ज़मीन पर एक ठोकर मार देते तो फुरात आपके खेमे से होकर बहती

मैदाने कर्बला में एक जहन्नमी मालिक बिन उरवा ने आपके खेमो में आग जलती हुई देखी तो बेबाकी से कहा कि ऐ हुसैन तुमने तो जहन्नम से पहले ही आग जला ली इतना सुनना था कि आप जलाल में फरमाते हैं कि ज़ालिम क्या तेरा ये गुमान है कि हुसैन जहन्नम में जायेगा आपने दुआ की कि ऐ मौला इसे जहन्नम से पहले ही दुनिया की आग का मज़ा चखा,अभी ज़बान से ये निकला ही था कि उसका घोड़ा बिदका वो गिरा उसका पैर लगाम में उलझा और घोड़ा उसे घसीटते हुए एक आग की खन्दक में फेंक आया

📕📚 रौज़तुश शुहदा,सफह 230

कर्बला की ये करामत भी ज़ाहिर करती है कि आप मजबूर ना थे बल्कि मुखतार थे मगर बस वही कि खुदा की रज़ा में राज़ी थे
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🌹والله تعالیٰ اعلم بالصواب🌹
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(अल फ़क़ीर ) अबुल ह़म्माद क़ारी मुह़म्मद मुजीबुर्रह़मान क़ादरी (शाहसलीमपुर ) ज़िला बहराइच शरीफ यू,पी,

 

 

🌹All India Bazme Gulzar-e-Millat
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🌹AASHURA KA ROZA~
✏Hazrat Abdullah Ibne Abbas Radi Allahu Anhuma Se Marvi Hai RASOOL’ALLAH Sallallahu Alayhi Wa Sallam Ne AASHURA (10 MUHARRAM) Ke Din ROZA Rakhne Ka Hukm Diya.
📚Tirmizi Shareef, Jild-01, Safa-291
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✏Hazrat Abu Qatada Radi Allahu Anhu Se Riwayat Hai Ki RASOOL’ALLAH Sallallahu Alayhi Wa Sallam Ne Farmaya “Mujhe ALLAH TA’ALA Se Ummid Hai Ki AASHURA Ka Roza Ek Saal Qabl Ke Gunaah Mita Deta Hai.”
📚Tirmizi Shareef, Jild-01, Safa-290
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✏Musnad Imaam Ahmad Aur Bazzaz Me Hazrat Ibne Abbas Radi Allahu Anhuma Se Marvi Hai Ki RASOOL’ALLAH Sallallahu Alayhi Wa Sallam Ne Farmaya YAUME AASHURA Ka Roza Rakho Aur Usme YAHOOD Ki Mukhalafat Karo, Yani 09 Aur 10 MUHARRAM Dono’ñ Din Roza Rakho.
📚Madarizun Nubuwwa, Jild-02, Safa-124
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👉🏻 Note:- India Me YAUME AASHURA (10 Muharram) Baroz Budh 17 July 2024 Ko Hai To In Sha Allah Hame 9 Aur 10 Muharram Ko Yani Mangal Aur Budh Ko Roza Rakhna Hai.

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