Mustafa Shaan e Qudrat Pe Laakhon Salaam Lyrics (4 Languages)
“मुस्तफ़ा शान-ए-क़ुदरत पे लाखों सलाम” एक ऐसा जामेअ (व्यापक) सलाम है जिसमें शायर ने इश्क़-ओ-अक़ीदत के दरिया बहा दिए हैं। इस शाहकार कलाम को अपने दौर के अज़ीम आलिम और शायर, हज़रत पीर सैयद नसीरुद्दीन नसीर गिलानी (रहमतुल्लाह अलैह) ने लिखा है।
इस सलाम की सबसे बड़ी ख़ूबी इसकी वुस’अत (विस्तार) है। पीर साहब ने हुज़ूर नबी-ए-करीम (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की ज़ाहिरी और बातिनी शान, आपके जिस्म-ए-पाक के हर हिस्से, आपकी सीरत, आपकी सुन्नत, आपके अहल-ए-बैत और आपके सहाबा-ए-किराम, हर एक पर तफ़सील से लाखों सलाम का नज़राना पेश किया है। इस पेज पर आपको इस मुबारक सलाम के मुकम्मल बोल **चार भाषाओं (हिंदी, रोमन, उर्दू और गुजराती)** में मिलेंगे।
सलाम की जानकारी (Salam Information Table)
| फीचर (Feature) | विवरण (Details) |
|---|---|
| कलाम का उनवान | मुस्तफ़ा शान-ए-क़ुदरत पे लाखों सलाम |
| शायर (Poet) | पीर सैयद नसीरुद्दीन नसीर गिलानी |
| कलाम की क़िस्म | सलाम / नात-ए-पाक |
“Mustafa Shaan e Qudrat Pe Laakhon Salaam” Full Salam Lyrics
Roman English Lyrics
Mustafa shaan-e-qudrat pe laakhon salaam,
Awwaleen naqsh-e-khilqat pe laakhon salaam.Meere jaishe Rusul, ummi o aql-e-kul,
Sadre bazm-e-risaalat pe laakhon salaam.Bheeni bheeni woh khushboo-e-zulf-e-dota,
Aisi be-misl nikhat pe laakhon salaam.Shaana-e-aqdas-e-shah pe behad durood,
Mohr-e-khatm-e-nubuwwat pe laakhon salaam.Zainab o Murtaza, phir Hussain o Hasan,
Aur Khatoon-e-Jannat pe laakhon salaam.Chaar yaaran-e-hazrat pe har dam durood,
Unke daur-e-khilafat pe laakhon salaam.Shah-e-Baghdad Ghaus-ul-Wara Muhyideen,
Aabru-e-tareeqat pe laakhon salaam.Kijiye band aankhein ‘Naseer’ aur phir,
Bhejiye unki soorat pe laakhon salaam.
Hindi Lyrics (हिन्दी बोल)
मुस्तफ़ा शान-ए-क़ुदरत पे लाखों सलाम,
अव्वलीं नक़्श-ए-ख़िल्क़त पे लाखों सलाम।मीर-ए-जैश-ए-रसूल, उम्मी ओ अक़्ल-ए-कुल,
सद्र-ए-बज़्म-ए-रिसालत पे लाखों सलाम।भीनी भीनी वो ख़ुश्बू-ए-ज़ुल्फ़-ए-दोता,
ऐसी बे-मिस्ल निकहत पे लाखों सलाम।शाना-ए-अक़दस-ए-शाह पे बेहद दुरूद,
मोहर-ए-ख़त्म-ए-नुबुव्वत पे लाखों सलाम।ज़ैनब ओ मुर्तज़ा, फिर हुसैन ओ हसन,
और ख़ातून-ए-जन्नत पे लाखों सलाम।चार यारान-ए-हज़रत पे हर दम दुरूद,
उनके दौर-ए-ख़िलाफ़त पे लाखों सलाम।शाह-ए-बग़दाद ग़ौस-उल-वरा मुहिउद्दीन,
आबरू-ए-तरीक़त पे लाखों सलाम।कीजिये बंद आँखें ‘नसीर’ और फिर,
भेजिये उनकी सूरत पे लाखों सलाम।
Urdu Lyrics (اردو کے بول)
مصطفیٰ شانِ قدرت پہ لاکھوں سلام
اوّلیں نقشِ خلقت پہ لاکھوں سلاممیرِ جیشِ رسل، اُمّی و عقلِ کل
صدرِ بزمِ رسالت پہ لاکھوں سلامبھینی بھینی وہ خوشبوئے زلفِ دوتا
ایسی بے مثل نکہت پہ لاکھوں سلامشانۂ اقدسِ شاہ پہ بے حد درود
مہرِ ختمِ نبوت پہ لاکھوں سلامزینب و مرتضیٰ، پھر حسین و حسن
اور خاتونِ جنت پہ لاکھوں سلامچار یارانِ حضرت پہ ہر دم درود
اُن کے دورِ خلافت پہ لاکھوں سلامشاہِ بغداد غوث الوریٰ محی الدیں
آبروئے طریقت پہ لاکھوں سلامکیجئے بند آنکھیں ‘نصیر’ اور پھر
بھیجئے اُن کی صورت پہ لاکھوں سلام
Gujarati Lyrics (ગુજરાતી ગીતો)
મુસ્તફા શાન-એ-કુદરત પે લાખોં સલામ,
અવ્વલીં નકશ-એ-ખિલ્કત પે લાખોં સલામ.મીર-એ-જૈશ-એ-રસૂલ, ઉમ્મી ઓ અક્લ-એ-કુલ,
સદ્ર-એ-બઝ્મ-એ-રિસાલત પે લાખોં સલામ.ભીની ભીની વો ખુશ્બૂ-એ-ઝુલ્ફ-એ-દોતા,
ઐસી બે-મિસ્લ નિકહત પે લાખોં સલામ.શાના-એ-અકદસ-એ-શાહ પે બેહદ દુરૂદ,
મોહર-એ-ખત્મ-એ-નબુવ્વત પે લાખોં સલામ.ઝૈનબ ઓ મુર્તઝા, ફિર હુસૈન ઓ હસન,
ઔર ખાતૂન-એ-જન્નત પે લાખોં સલામ.ચાર યારાન-એ-હઝરત પે હર દમ દુરૂદ,
ઉનકે દૌર-એ-ખિલાફત પે લાખોં સલામ.શાહ-એ-બગદાદ ગૌસ-ઉલ-વરા મુહિઉદ્દીન,
આબરુ-એ-તરીકત પે લાખોં સલામ.કિજીયે બંદ આંખેં ‘નસીર’ ઔર ફિર,
ભેજિયે ઉનકી સૂરત પે લાખોં સલામ.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)
Q1. यह सलाम किसने लिखा है?
यह जामेअ और ख़ूबसूरत सलाम हज़रत पीर सैयद नसीरुद्दीन नसीर गिलानी (रहमतुल्लाह अलैह) ने लिखा है, जो गोलड़ा शरीफ़, पाकिस्तान से ताल्लुक़ रखते थे।
Q2. इस सलाम को जामेअ (व्यापक) क्यों कहा जाता है?
इसे जामेअ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें शायर ने हुज़ूर (स.अ.व.) की ज़ात के लगभग हर पहलू पर सलाम भेजा है – आपकी सूरत, सीरत, आपके जिस्म के हिस्से, आपकी ख़ुशबू, आपकी शान, आपके सहाबा, आपके अहल-ए-बैत और फिर सिलसिले के बुज़ुर्गों तक को सलाम का नज़राना पेश किया है।
ज़रूरी लिंक्स (Important Links)
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