mujhay-aata-koi-naam-hoga-isi-tawaqqo-pe-ji-raha-huun-lyrics

ये मेरी कौम के रहनुमा भी सुनें,
मेरी उजड़ी हुई दास्तां भी सुनें…
जो मुझे मुल्क तक मानते ही नही,
सारी दुनिया के वो हुक्मरां भी सुनें !!
सिर्फ लाशें ही लाशें मेरी गोद मे,
कोई पूछे मैं क्यूँ इतना ग़मगीन हूँ …?

मैं फलस्तीन हूँ.. मैं फलस्तीन हूँ…..!!!!

आए थे एक दिन मेरे घर आये थे,
दुश्मनों को भी तनहा नज़र आये थे …
ऊँट पर अपना खादिम बिठाए हुए,
मेरी इस सरज़मीं पर उमर आये थे..
जिसकी परवाज़ है आसमानों तलक,
ज़ख़्मी ज़ख़्मी मैं वो एक शाहीन हूँ…

मैं फलस्तीन हूँ.. मैं फलस्तीन हूँ…!!!!

मेरे दामन में ईमान पलता रहा ,
रेत पर रब का फरमान पलता रहा..
मेरे बच्चे लड़े आखिरी सांस तक,
और सीनों में कुरान पलता रहा..
ज़र्रे ज़र्रे में अल्लाहुअकबर लिए,
खुशनसीबी है मैं साहिबे दीन हूँ…

मैं फलस्तीन हूँ ..मैं फलस्तीन हूँ…

ना ही रोयेंगे और न ही मुस्कायेंगे,
सिर्फ नग़मे शहादत के ही गायेंगे …
अपना बैतुल्मुक़द्दस बचाने को तो,
सारे बच्चे अबाबील बन जाएँगे …
जो सितम ढा रहे अबरहा की तरह ,
उनकी खातिर मैं सामाने तौहीन हूँ..

मैं फलस्तीन हूँ ..मैं फलस्तीन हूँ .

आइये मिलते हैं आंसुओं में डूबी हुई नज़्म साथ… मेरी कोशिश होगी कि ये शाम आपकी ज़िन्दगी कि यादगार शाम हो।

आप सब चाहने वालों की मुहब्बत को मद्देनज़र रखते हुए एक बार फिर ..
❤ ❤”एक शाम इमरान प्रतापगढ़ी के नाम “❤ ❤

आइये आज रात 9 बजे .. लैलति हॉल .. निकट हरम प्लाजा दम्माम … सऊदी अरब ..

आप सभी की दुआओं का मुन्तज़िर ..

आपका इमरान प्रतापगढ़ी … See less
— with Md Miraj and Imran Khan.

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