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Kabootar Nama Lyrics In Hindi | हिन्दी में कबूतर नामा

 

Kabootar Nama Lyrics In Hindi

हिन्दी में कबूतर नामा

जो जवां बेटे की मैय्यत पर ना रोया वो हुसैन
जिसने अपने खून से दुनिया को धोया वो हुसैन
मर्तबा इस्लाम का जिसने दो-बाला कर दिया
खून से अपने दो आ़लम में उजाला कर दिया

 

जिस घड़ी वो लाल संग ए ज़ुल्म से तोड़ा गया
यानि उनके हल्क़ पर जब ख़न्जर ए पुरआं चला
एक कबूतर लौटकर उनके लहू में उड़ गया
जाके गुम्बद पर रसूलुल्लाह की कहने लगा

या मुह़म्मद कर्बला में लूटा बेचारा गया×2
आपका प्यारा नवासा सजदे में मारा गया×3

 

तुम जहाँ लेते थे बोसा ऐ हबीब ए किर्दगार
उस जगह ज़ालिम ने फेरा ज़हर ए खंज़र आबदार
ये वही खूं है मेरे दोनों परों पर आश्कार
आपके प्यारे के खूं से कर्बला है लालाज़ार

पर झटक कर जिस घड़ी उसने वहां पर आह की×2
थरथराने लग गई तुर्बत रसूलुल्लाह की×3

 

जब नवासे का लहू नाना की तुर्बत पर गिरा
थरथराई क़ब्र और गुम्बद नबी का हिल गया
वो कबूतर जाके फिर बर तुर्बत ए ख़ैरुनिशा
क़ब्र पर मां की लहू उस प्यारे बेटे का लगा

बोला बीबी तेरे बेटे की कहानी लाया हूँ×2
देख ले ये खून ए ना-ह़क़ की निशानी लाया हूँ×3

 

पास जाकर फिर हसन की क़ब्र पर वो जानवर
बोला हज़रत लीजिए अब अपने भाई की ख़बर
कर्बला में काट डाला ज़ालिमों ने उसका सर
वो ये कहता था परोसे ख़ून टपका क़ब्र पर

गिरते ही वो खून पत्थर क़ब्र का यूं हिल गया×2
चाक हुई तुर्बत लहू अपने लहू से मिल गया×3

 

इस तरहां से सारी क़ब्रें थरथराईं एक बार
और उठ्ठा क़ब्र से रोने का गुल बे-इख़्तियार
तब किसी ने जाके सुग़रा से कहा ये आहा मार
बीबी रौज़े पर नबी के है अजब शोर ओ पुकार

एक कबूतर खून में पर थरथराता फिरता है×2
अपने पर से खून क़ब्रों पर लगाता फिरता है×3

 

जब सुना के आया है कोई कबूतर खूं भरा
कांपती है क़ब्र और आती है रोने की सदा
हाल सब सुनते ही सुग़रा का कलेजा फ़ट गया
बोली लोगों बाप का सर से मेरे साया गया

क्या सबब है ज़लज़ला क़ब्रों में है और शोर-ओ-शैन×2
जा के सूए कर्बला मारे गए बाबा हुसैन×3

 

भाई अकबर का लहू भी कर्बला में बह गया
तीर से छलनी हुआ मासूम असग़र का गला
सर कटा राहे ख़ुदा में कासिम-ए-नौशाह का
खो गई है गश्त में औनो मुह़म्मद की सदा

हाय! कैसी तेरी क़िस्मत ऐ बहन कुबरा हुई×2
शाम को दुल्हन बनी और सुब्हा को बेबा हुई×3

 

सरवरे कौनैन की तुर्बत पे एक कोहराम है
तुर्बत ए ख़ातून ए जन्नत लर्ज़ा वर अन्दाम है
हाय! मेरा दिल गिरफ्तार-ए-ग़म ओ आलाम है
सुब्हा कैसी सुब्हा है और शाम कैसी शाम है

रो रही होगी मेरी बाली सकीना हाय हाय×2
फट ना जाये शिद्दत-ए-ग़म से सीना हाय हाय×3

 

वो कबूतर था क़रीब-ए-तुर्बत ए ख़ैरुलवरा
पूछा सुग़रा ने कबूतर से है क्या माज़रा
ये लहू तेरे परों पर किसका है ये तो बता
कुदरत-ए-ह़क़ से ज़ुबां उसको मिली वो बोल उठ्ठा

हाय! सुग़रा उठ गया इक़बाल तुझ नादान का×2
खून है मेरे परों पर तेरे बाबा जान का×3

Qawwal: Rais Miyan
Lyrics: Qaiser Samastipuri

Kabootar Nama Lyrics In Hindi

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