इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
या रमज़ान, या रमज़ान
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में
रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
अल्लाह का एहसान है, अता किया रमज़ान है
शुक्र-ए-मौला करते रहना मोमिन की पहचान है
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में
जन्नत के दरवाज़े खुलते हैं माहे-रमज़ान में
बख़्शिश के परवाने बंटते हैं माहे-रमज़ान में
मैं भी बख़्शिश का परवाना पाऊंगा रमज़ान में
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में
रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
हर बच्चे की ख्वाइश होती है रोज़ा-कुशाई की
कहता है ये हर बच्चा कब मेरी बारी आएगी
मैं भी रोज़े की लज़्ज़त को पाउँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान मेंरमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
दिन में रोज़े रख कर जो रातों को तरावीह पढ़ता है
मौला उसके पिछले सब जुर्मों की बख़्शिश करता है
अपने गुनाहों की माफ़ी करवाऊंगा रमज़ान में
अल्लाह का एहसान है, अता किया रमज़ान है
शुक्र-ए-मौला करते रहना मोमिन की पहचान है
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में
जाने या अनजाने में दिल जिसका मैंने तोड़ा है
रूठ के मुझ से जिस भाई ने अपने रुख़ को मोड़ा है
माफ़ी माँग के उन सब को मनाऊंगा रमज़ान में
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में
रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
माहे-रमज़ां में आक़ा भरपूर सख़ा फ़रमाते थे
हर साइल को भर भर के सरकार अता फ़रमाते थे
अज़म किया है ये सुन्नत अपनाऊंगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान मेंरमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
जो ग़ुरबत में फटे-पुराने कपड़े पेहने रेहते हैं
देख के हुलिया जिन को सब दीवाना केहते रेहते हैं
उन नादारों को कपड़ा पहनाऊंगा रमज़ान में
अल्लाह का एहसान है, अता किया रमज़ान है
शुक्र-ए-मौला करते रहना मोमिन की पहचान है
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में
आख़री अशरे में जो भी कर लेता है ए’तिकाफ
दो हज, दो उमरे का मिलता है उसको अज्रो-सवाब
सारी दुनिया वालों को बतलाऊंगा रमज़ान में
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान मेंरमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान
अल्लाह का एहसान है, अता किया रमज़ान है
शुक्र-ए-मौला करते रहना मोमिन की पहचान है
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में
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