Ye Tune Aaj Kya Nigah-e-Yaar Kar Diya Lyrics | Jigar Moradabadi Ghazal

Ye Tune Aaj Kya Nigah-e-Yaar Kar Diya Lyrics (4 Languages)

“ये तूने आज क्या निगाह-ए-यार कर दिया” उर्दू शायरी के महान शायर, ‘शायर-ए-शबाब’ जिगर मुरादाबादी की एक शाहकार ग़ज़ल है। यह ग़ज़ल महबूब की एक नज़र के उस जादू को बयान करती है जो आशिक़ की पूरी दुनिया को बदल कर रख देती है। जब इस कलाम को ग़ज़ल के बादशाह, जगजीत सिंह ने अपनी दिलकश आवाज़ दी, तो यह ग़ज़ल हर सुनने वाले की रूह में उतर गई।

इस पेज पर आपको इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल के मुकम्मल बोल **चार भाषाओं (हिंदी, रोमन, उर्दू और गुजराती)** में मिलेंगे, साथ ही इसका गहरा मतलब और असली लिंक्स भी शामिल हैं।

ग़ज़ल की जानकारी (Ghazal Information Table)

 

फीचर (Feature)विवरण (Details)
ग़ज़ल का उनवानये तूने आज क्या निगाह-ए-यार कर दिया
शायर (Poet)जिगर मुरादाबादी (Jigar Moradabadi)
मशहूर गायक (Singer)जगजीत सिंह (Jagjit Singh)
कलाम की क़िस्मग़ज़ल (Ghazal)

“Ye Tune Aaj Kya Nigah-e-Yaar Kar Diya” Full Ghazal Lyrics

Urdu Lyrics (اردو کے بول)

یہ تونے آج کیا نگاہِ یار کر دیا
کہ حُسن کو خُودی سے شرمسار کر دیا

میں اک فسانۂ غمِ ہستی سے تنگ تھا
تونے خلاصۂ غمِ روزگار کر دیا

اب مجھ کو اپنے درد کی بھی کچھ خبر نہیں
بس وقفِ لذّتِ غمِ دل دار کر دیا

Hindi Lyrics (हिन्दी बोल)

ये तूने आज क्या निगाह-ए-यार कर दिया,
कि हुस्न को ख़ुदी से शर्मसार कर दिया।

मैं इक फ़साना-ए-ग़म-ए-हस्ती से तंग था,
तूने ख़ुलासा-ए-ग़म-ए-रोज़गार कर दिया।

अब मुझको अपने दर्द की भी कुछ ख़बर नहीं,
बस वक़्फ़-ए-लज़्ज़त-ए-ग़म-ए-दिलदार कर दिया।

Roman English Lyrics

Ye tune aaj kya nigaah-e-yaar kar diya,
Ki husn ko khudi se sharmsaar kar diya.

Main ik fasaana-e-gham-e-hasti se tang tha,
Tune khulaasa-e-gham-e-rozgaar kar diya.

Ab mujhko apne dard ki bhi kuch khabar nahin,
Bas waqf-e-lazzat-e-gham-e-dildaar kar diya.

Gujarati Lyrics (ગુજરાતી ગીતો)

યે તૂને આજ ક્યા નિગાહ-એ-યાર કર દિયા,
કિ હુસ્ન કો ખુદી સે શર્મસાર કર દિયા.

મૈં ઇક ફસાના-એ-ગમ-એ-હસ્તી સે તંગ થા,
તૂને ખુલાસા-એ-ગમ-એ-રોઝગાર કર દિયા.

અબ મુઝકો અપને દર્દ કી ભી કુછ ખબર નહીં,
બસ વક્ફ-એ-લઝ્ઝત-એ-ગમ-એ-દિલદાર કર દિયા.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)

Q1. इस ग़ज़ल का शायर कौन है?

इस शाहकार ग़ज़ल के शायर ‘शायर-ए-शबाब’ जिगर मुरादाबादी हैं, जो उर्दू ग़ज़ल के सबसे बड़े शायरों में से एक माने जाते हैं।

Q2. इस ग़ज़ल का असल मतलब क्या है?

इस ग़ज़ल का असल मतलब महबूब की एक नज़र की ताक़त है। शायर कह रहा है कि “आज तेरी एक नज़र ने ऐसा जादू कर दिया है कि दुनिया के सारे हुस्न को अपनी ख़ूबसूरती पर शर्म आने लगी है। मैं अपनी ज़िंदगी के ग़मों से परेशान था, और तेरी एक नज़र ने मुझे दुनिया के सारे ग़मों का निचोड़ दे दिया, जिसके बाद मुझे अपने दर्द का भी एहसास नहीं रहा।”

ज़रूरी लिंक्स (Important Links)

 

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