तजल्लियों की केहकशां, हुसैन है हुसैन है / Tajalliyon Ki Kehkashan, Husain Hai Husain Hai
या हुसैन अस्सलाम, या हुसैन अस्सलाम
या हुसैन अस्सलाम, या हुसैन अस्सलाम
तजल्लियों की केहकशां, हुसैन है हुसैन है
इमामे-जुमला-आशिकां, हुसैन है हुसैन है
या हुसैन अस्सलाम, या हुसैन अस्सलाम
जहान में सखाओं का, वफ़ाओं का, अताओं का
है कौन बेहरे-बेकरां ? हुसैन है हुसैन है
या हुसैन अस्सलाम, या हुसैन अस्सलाम
शहादतों की ख़ूने-दिल से करबला की रेत पर
लिखी है जिस ने दास्तां, हुसैन है हुसैन है
या हुसैन अस्सलाम, या हुसैन अस्सलाम
ये सर सिना पे पड़ रहा है आयतें जो बरमला
जो सूए शाम है रवां, हुसैन है हुसैन है
या हुसैन अस्सलाम, या हुसैन अस्सलाम
मैं कैसे नाज़िश उनका नाम लूं न उठते बैठते
मेरा भरम यहां-वहां, हुसैन है हुसैन है
या हुसैन अस्सलाम, या हुसैन अस्सलाम
या हुसैन अस्सलाम, या हुसैन अस्सलाम
नातख्वां:
सैयद ज़बीब मसूद