Kya Deen-e-Mustafa Ko Jagaya Hussain Ne Lyrics (4 Languages)
यह दिल को छू लेने वाली मनक़बत, “क्या दीन-ए-मुस्तफ़ा को जगाया हुसैन ने,” शहंशाह-ए-कर्बला, हज़रत इमाम हुसैन (रदी अल्लाहु ‘अन्हु) और कर्बला में उनके परिवार की अज़ीम कुर्बानी को एक शानदार श्रद्धांजलि है। यह कलाम उन दर्दनाक घटनाओं और हज़रत इमाम हुसैन के अटूट विश्वास को बयां करता है, जिन्होंने इस्लाम के सिद्धांतों को ज़िंदा रखने के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया।
इस पेज पर आपको इस मनक़बत के मुकम्मल बोल **चार भाषाओं (उर्दू, हिंदी, गुजराती और रोमन अंग्रेजी)** में मिलेंगे, साथ ही एक विस्तृत जानकारी तालिका और कर्बला की तारीख़ी हक़ीक़त भी बयान की गई है।
मनक़बत की जानकारी (Manqabat Information Table)
| गुण (Feature) | विवरण (Details) |
|---|---|
| शीर्षक (Title) | क्या दीन-ए-मुस्तफ़ा को जगाया हुसैन ने |
| शायर (Poet) | अज्ञात (पारंपरिक रूप से पढ़ा जाता है) |
| शैली (Genre) | मनक़बत (Manqabat) |
| भाषा (Language) | उर्दू (Urdu) |
| विषय (Theme) | हज़रत इमाम हुसैन (र.अ.) की शहादत और कर्बला का बलिदान |
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: कर्बला का बलिदान
कर्बला की लड़ाई 61 हिजरी (680 ईस्वी) में हज़रत इमाम हुसैन (रदी अल्लाहु ‘अन्हु), जो पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के नवासे थे, और यज़ीद की अत्याचारी हुकूमत के बीच हुई थी। इमाम हुसैन ने यज़ीद की भ्रष्ट और अन्यायपूर्ण हुकूमत को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।[1] उन्होंने अपने परिवार और कुछ वफादार साथियों के साथ मिलकर सच्चाई और न्याय के लिए एक निडर स्टैंड लिया।[2] कर्बला के मैदान में, उन्हें और उनके साथियों को कई दिनों तक भूखा-प्यासा रखा गया और अंततः शहीद कर दिया गया।[1] यह बलिदान इस्लाम में सच्चाई के लिए खड़े होने और अन्याय के खिलाफ लड़ने का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गया।[3]
“Kya Deen-e-Mustafa Ko Jagaya Hussain Ne” Full Lyrics
Urdu Lyrics (اردو کے بول)
کیا دینِ مصطفیٰ کو جگایا حسین نے
کربل میں سارا کنبہ لٹایا حسین نےایسا نمازِ عشق کا سجدہ عطا کیا
سر کو جھکا کے عرش ہلایا حسین نےدرسِ توحید دے کے غلاموں کو آپ نے
کفر و شرک کی جڑ مٹایا حسین نےسجدے میں سر کٹایا ہے پڑھ کر نمازِ عشق
نیزے پہ چڑھ قرآن سنایا حسین نے
Hindi Lyrics (हिन्दी बोल)
क्या दीन-ए-मुस्तफ़ा को जगाया हुसैन ने,
कर्बल में सारा कुनबा लुटाया हुसैन ने।ऐसा नमाज़-ए-इश्क़ का सजदा अता किया,
सर को झुका के अर्श हिलाया हुसैन ने।दर्स-ए-तौहीद दे के गुलामों को आप ने,
कुफ्र-ओ-शिर्क की जड़ मिटाया हुसैन ने।सजदे में सर कटाया है पढ़ कर नमाज़-ए-इश्क़,
नेज़े पे चढ़ क़ुरान सुनाया हुसैन ने।
Roman English Lyrics
Kya deen-e-Mustafa ko jagaya Hussain ne,
Karbal mein sara kunba lutaya Hussain ne.Aisa namaz-e-ishq ka sajda ataa kiya,
Sar ko jhuka ke Arsh hilaya Hussain ne.Dars-e-Tauheed de ke ghulamon ko aap ne,
Kufr-o-shirk ki jadd mitaya Hussain ne.Sajde mein sar kataya hai padh kar namaz-e-ishq,
Neze pe chadh Quran sunaya Hussain ne.
Gujarati Lyrics (ગુજરાતી ગીતો)
ક્યા દીન-એ-મુસ્તફા કો જગાયા હુસૈન ને,
કર્બલ મેં સારા કુનબા લુટાયા હુસૈન ને.ઐસા નમાઝ-એ-ઇશ્ક કા સજદા અતા કિયા,
સર કો ઝુકા કે અર્શ હિલાયા હુસૈન ને.દર્સે-તૌહીદ દે કે ગુલામોં કો આપ ને,
કુફ્ર-ઓ-શિર્ક કી જડ મિટાયા હુસૈન ને.સજદે મેં સર કટાયા હૈ પઢ કર નમાઝ-એ-ઇશ્ક,
નેઝે પે ચઢ કુરાન સુનાયા હુસૈન ને.
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