Batil Ke Jab Jab Badle Hai Tevar Naat Lyrics
Batil ne jab jab badle hai tevar
Aaya hai tab tab meri zaban par
Naara e takbeer allahu akbar
Naara e takbeer allahu akbar
Pyaare nabi ne jina sikhaya
Bakhuda insan hum ko banaya
Pehnaya akhlaq o iman ka zevar
Naara e takbeer allahu akbar
Naara e takbeer allahu akbar
Khud bhi jiyo jeene do sabhi ko
Iza na pahuchao khud se kisi ko
Islam ka yahi dar se munawwar
Naara e takbeer allahu akbar
Naara e takbeer allahu akbar
Siddiq o faruq o usman o haidar
Ashabo azvajo shabbir o shabbar
In sab ka ehsan hum sab ke upar
Naara e takbeer allahu akbar
Naara e takbeer allahu akbar
Baghdadi maikhana chalta rahega
Ajmeri pyaala chalakta rahega
Noori miyan denge barkati sagar
Naara e takbeer allahu akbar
Naara e takbeer allahu akbar
Mizan par aaqa hum ko bachaiyo
Daman me apne hum ko chupaiyo
Itna karam ya shafa e mehshar
Naara e takbeer allahu akbar
Naara e takbeer allahu akbar
Rahe khuda me ghar ko lutaye
Deen e nabi pe sar ko kataye
Uqba ki daulat lute bhar bhar
Naara e takbeer allahu akbar
Naara e takbeer allahu akbar
Sacche sada aqwal hamare
Sidhe sada aamal hamare
Tab hoga rab meherban hum par
Naara e takbeer allahu akbar
Naara e takbeer allahu akbar
बातिल ने जब जब बदले हैं तेवर
आया है तब तब मेरी ज़ुबाँ पर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
प्यारे नबी ने जीना सिखाया
बा-ख़ुदा ! इंसां हम को बनाया
पहनाया अख़लाक़-ओ-ईमाँ का ज़ेवर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
बातिल ने जब जब बदले हैं तेवर
आया है तब तब मेरी ज़ुबाँ पर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
खुद भी जियो, जीने दो सभी को
ईज़ा न पहुँचाओ ख़ुद से किसी को
इस्लाम का यही दर्स-ए-मुनव्वर
नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर
बातिल ने जब जब बदले हैं तेवर
आया है तब तब मेरी ज़ुबाँ पर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
मीज़ाँ पे, आक़ा ! हम को बचाना
दामन में अपने हम को छुपाना
इतना करम, या शाफ़े’-ए-महशर
नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर
बातिल ने जब जब बदले हैं तेवर
आया है तब तब मेरी ज़ुबाँ पर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
सच्चे सदा अक़्वाल हमारे
सीधे सदा आ’माल हमारे
तब होगा रब मेहरबान हम पर
नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर
बातिल ने जब जब बदले हैं तेवर
आया है तब तब मेरी ज़ुबाँ पर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
राह-ए-ख़ुदा में घर को लुटाएँ
दीन-ए-नबी पे सर को कटाएँ
‘उक़्बा की दौलत लूटे हैं भर भर
नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर
बातिल ने जब जब बदले हैं तेवर
आया है तब तब मेरी ज़ुबाँ पर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
सिद्दीक़-ओ-फ़ारूक़-ओ-‘उस्मान-ओ-हैदर
असहाब-ओ-अज़्वाज-ओ-शब्बीर-ओ-शब्बर
इन सब का एहसाँ है हम सब के ऊपर
नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर
बातिल ने जब जब बदले हैं तेवर
आया है तब तब मेरी ज़ुबाँ पर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
बग़दादी मयख़ाना चलता रहेगा
अजमेरी प्याला छलकता रहेगा
नूरी मियाँ देंगे बरकाती सागर
नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर
बातिल ने जब जब बदले हैं तेवर
आया है तब तब मेरी ज़ुबाँ पर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
नज़्मी को आक़ा से फ़ैज़ मिला है
और हसनैनी जाम इस ने पिया है
नज़्मी ग़ुलाम-ए-ग़ुलामान-ए-हैदर
नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर
बातिल ने जब जब बदले हैं तेवर
आया है तब तब मेरी ज़ुबाँ पर
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
ना’रा-ए-तकबीर ! अल्लाहु अकबर !
शायर:
नज़्मी मियाँ
ना’त-ख़्वाँ:
साजिद क़ादरी