Apne Daman e Shafat Mein Naat Lyrics
Apne Daman e Shafat Mein Naat Lyrics
Naat Name | Apne Daman e Shafat Mein |
Recite | Alhaj Owais Raza Qadri, Zulfiqar Ali Hussaini, Hafiz Tahir Qadri |
Writer | Khalid Mahmood Khalid |
Producer | BarkateRaza |
Recorded | Naat production |
Category | Naat |
Released Date | Dec 18, 2017 |
Apne Damane Shafa’at mein chhupaye rakhna Lyrics
Apne Damane Shafa’at mein chhupaye rakhna Lyrics
Apne Damane Shafa’at mein chhupaye rakhna
Mere Sarkar Meri baat banaye rakhna
Kisi Mansab ka talabgar hun na Duniya ka
Khak hun Mein Muje Qadmon se lagaye rakhna
Isi Mansab ka talabghar hun Mein bhi Aaqa
Khak hun Mein Muje Qadmon se lagaye rakhna
Aap yaad aaye to fir yaad na aaye koi
Gair ki yaad Mere Dil se bhulaye rakhna
Unke ho jaao Har ek chiz Unhi se mango
Apne Daman mein ahesan paraye rakhna
Jab sawa neze pe Khurshide Qayamat hoga
Apni Zulfon ke Gunahgar pe saye rakhna
Meine mana ke nikamma hun magar Aapka hun
Is nikamme ko bhi Sarkar nibhaye rakhna
Shayad Is rah se Khalid Mere Aaqa guzre
Apni palkon ko sare rah bichhaye rakhna
Apne Daman e Shafat Mein Naat Lyrics
अपने दामान-ए-शफ़ा’अत में छुपाए रखना
मेरे सरकार ! मेरी बात बनाए रखना
आप की याद से आबाद है दिल मेरा, हुज़ूर !
बंदा-परवर ! मेरी हस्ती को बसाए रखना
मेरे सरकार ! मेरी बात बनाए रखना
आप याद आएँ तो फिर याद न आए कोई
ग़ैर की याद मेरे दिल से भुलाए रखना
मेरे सरकार ! मेरी बात बनाए रखना
इसी मंसब का तलबगार हूँ मैं भी, आक़ा !
ख़ाक हूँ मैं, मुझे क़दमों से लगाए रखना
मेरे सरकार ! मेरी बात बनाए रखना
जब सवा नेज़े पे ख़ुर्शीद-ए-क़यामत होगा
अपनी ज़ुल्फ़ों के गुनहगार पे साए रखना
मेरे सरकार ! मेरी बात बनाए रखना
मैं ने माना कि निकम्मा हूँ, मगर आप का हूँ
मुझ निकम्मे को भी, सरकार ! निभाए रखना
मेरे सरकार ! मेरी बात बनाए रखना
उन के हो जाओ, हर इक चीज़ उन्हीं से माँगो
अपने दामन में न एहसान पराए रखना
मेरे सरकार ! मेरी बात बनाए रखना
शायद इस राह से, ख़ालिद ! मेरे आक़ा ग़ुज़रें
अपनी पलकों को सर-ए-राह बिछाए रखना
اپنے دامانِ شفاعت میں چھپائے رکھنا
میرے سرکار ﷺ میری بات بنائے رکھنا
میں نے مانا کہ نکما ہوں مگر آپ کا ہوں
مجھ نکمّے کو بھی سرکار ﷺ نبھائے رکھنا
کسی منصب کا طلبگار ہوں نہ دنیا کا
خاک ہوں میں مجھے قدموں سے لگائے رکھنا
آپ کی یاد سے آباد ہوا دل میرا
بندہ پَرور میری ہستی کو بسائے رکھنا
آپ یاد آئیں تو پھر یاد نہ آئے کوئی
غیر کی یاد میرے دل سے بھلائے رکھنا
اُن کے ہو جاؤ تو ہر چیز اُنہیں سے مانگو
اپنے دامن میں نہ احسان پرائے رکھنا
جب سوا نیزے پہ خورشیدِ قیامت ہوگا
اپنی زلفوں کے گنہگار پہ سائے رکھنا
شاید اس راہ سے خالد میرے آقا ﷺ گزریں
اپنی پلکوں کو سر راہ بچھائے رکھنا
الصلوةوالسلام علیک یارسول اللہ
وعلیٰ الک واصحابک یاحبیب اللہ
کلام: خالد محمود خالد نقشبندی
अपने दामान-ए-शफ़ाअत में छुपाए रखना |
मेरे सरकार मेरी बात बनाए रखना /
Apne Daamaan-e-Shafa’at Mein Chhupae Rakhna |
Mere Sarkar Meri Baat Banae Rakhna
अपने दामान-ए-शफ़ा’अत में छुपाए रखना
मेरे सरकार ! मेरी बात बनाए रखना
आप की याद से आबाद है दिल मेरा, हुज़ूर !
बंदा-परवर ! मेरी हस्ती को बसाए रखना
आप याद आएँ तो फिर याद न आए कोई
ग़ैर की याद मेरे दिल से भुलाए रखना
इसी मंसब का तलबगार हूँ मैं भी, आक़ा !
ख़ाक हूँ मैं, मुझे क़दमों से लगाए रखना
जब सवा नेज़े पे ख़ुर्शीद-ए-क़यामत होगा
अपनी ज़ुल्फ़ों के गुनहगार पे साए रखना
मैं ने माना कि निकम्मा हूँ, मगर आप का हूँ
मुझ निकम्मे को भी, सरकार ! निभाए रखना
उन के हो जाओ, हर इक चीज़ उन्हीं से माँगो
अपने दामन में न एहसान पराए रखना
उन के आने की घड़ी है, वो हैं आने वाले
मेरे सरकार की महफ़िल को सजाए रखना
शायद इस राह से, ख़ालिद ! मेरे आक़ा ग़ुज़रें
अपनी पलकों को सर-ए-राह बिछाए रखना
शायर:
सय्यिद ख़ालिद अब्दुल्लाह अशरफ़ी
ना’त-ख़्वाँ:
ओवैस रज़ा क़ादरी
ज़ुल्फ़िक़ार अली हुसैनी
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी