Is Karam Ka Karoon Shukr Kaise Ada Lyrics (4 Languages)

Is Karam Ka Karoon Shukr Kaise Ada Lyrics (4 Languages)

“इस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा, जो करम मुझ पे मेरे नबी कर दिया” यह एक ऐसी नात-ए-पाक है जो अल्लाह के हबीब, हुज़ूर नबी-ए-करीम (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की बेपनाह रहमतों और इनायतों पर एक ग़ुलाम के शुक्राने का ख़ूबसूरत इज़हार है। इस दिलकश कलाम को अब्दुल सत्तार नियाज़ी (रहमतुल्लाह अलैह) ने लिखा है।

इस नात का हर शेर इस बात का इक़रार है कि एक मुसलमान को दुनिया और आख़िरत में जो भी इज़्ज़त, शोहरत और कामयाबी मिलती है, वो सब मेरे आक़ा की करम-नवाज़ी का ही सदक़ा है। इस पेज पर आपको इस रूहानी नात के मुकम्मल बोल **चार भाषाओं (हिंदी, रोमन, उर्दू और गुजराती)** में मिलेंगे।

नात की जानकारी (Naat Information Table)

फीचर (Feature)विवरण (Details)
कलाम का उनवानइस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा
शायर (Poet)अब्दुल सत्तार नियाज़ी (Abdul Sattar Niazi)
मशहूर नात-ख़्वाँओवैस रज़ा क़ादरी, हाफ़िज़ अहमद रज़ा क़ादरी
कलाम की क़िस्मनात-ए-पाक

“Is Karam Ka Karoon Shukr Kaise Ada” Full Naat Lyrics

Hindi Lyrics (हिन्दी बोल)

इस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा,
जो करम मुझ पे मेरे नबी कर दिया।

मैं सजाता था सरकार की महफ़िलें,
मुझ को हर ग़म से रब ने बरी कर दिया।

ज़िक्र-ए-सरकार की हैं बड़ी बरकतें,
मिल गईं राहतें, अ’ज़्मतें, रिफ़’अतें,
मैं गुनहगार था, बे-अ’मल था मगर,
मुस्तफ़ा ने मुझे जन्नती कर दिया।

जो दर-ए-मुस्तफ़ा के गदा हो गए,
देखते देखते क्या से क्या हो गए,
ऐसी चश्म-ए-करम की है सरकार ने,
दोनों ‘आलम में उन को ग़नी कर दिया।

सदक़े जाऊँ ‘नियाज़ी’ मैं लज-पाल के,
हर गदा को सख़ी ने सख़ी कर दिया।

Roman English Lyrics

Is karam ka karoon shukr kaise ada,
Jo karam mujh pe mere Nabi kar diya.

Main sajata tha Sarkaar ki mehfilein,
Mujh ko har gham se Rab ne bari kar diya.

Zikr-e-Sarkaar ki hain badi barkatein,
Mil gayin raahatein, ‘azmatein, rif’atein,
Main gunahgaar tha, be-‘amal tha magar,
Mustafa ne mujhe jannati kar diya.

Jo dar-e-Mustafa ke gada ho gaye,
Dekhte dekhte kya se kya ho gaye,
Aisi chashm-e-karam ki hai Sarkaar ne,
Dono ‘aalam mein un ko ghani kar diya.

Sadqe jaaun ‘Niazi’ main lajpaal ke,
Har gada ko sakhi ne sakhi kar diya.

Urdu Lyrics (اردو کے بول)

اس کرم کا کروں شکر کیسے ادا
جو کرم مجھ پہ میرے نبی کر دیا

میں سجاتا تھا سرکار کی محفلیں
مجھ کو ہر غم سے رب نے بری کر دیا

ذکرِ سرکار کی ہیں بڑی برکتیں
مل گئیں راحتیں، عظمتیں، رفعتیں
میں گنہگار تھا، بے عمل تھا مگر
مصطفیٰ نے مجھے جنتی کر دیا

جو درِ مصطفیٰ کے گدا ہو گئے
دیکھتے دیکھتے کیا سے کیا ہو گئے
ایسی چشمِ کرم کی ہے سرکار نے
دونوں عالم میں ان کو غنی کر دیا

صدقے جاؤں نیازیؔ میں لجپال کے
ہر گدا کو سخی نے سخی کر دیا

Gujarati Lyrics (ગુજરાતી ગીતો)

ઇસ કરમ કા કરૂં શુક્ર કૈસે અદા,
જો કરમ મુજ પે મેરે નબી કર દિયા.

મૈં સજાતા થા સરકાર કી મહફિલેં,
મુજ કો હર ગમ સે રબ ને બરી કર દિયા.

ઝિક્ર-એ-સરકાર કી હૈં બડી બરકતેં,
મિલ ગઈં રાહતેં, અ’ઝમતેં, રિફ’અતેં,
મૈં ગુનહગાર થા, બે-અ’મલ થા મગર,
મુસ્તફા ને મુઝે જન્નતી કર દિયા.

જો દર-એ-મુસ્તફા કે ગદા હો ગયે,
દેખતે દેખતે ક્યા સે ક્યા હો ગયે,
ઐસી ચશ્મ-એ-કરમ કી હૈ સરકાર ને,
દોનોં ‘આલમ મેં ઉન કો ગની કર દિયા.

સદકે જાઊઁ ‘નિયાઝી’ મૈં લજ-પાલ કે,
હર ગદા કો સખી ને સખી કર દિયા.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)

Q1. इस नात का शायर कौन है?

इस शाहकार नात के शायर अब्दुल सत्तार नियाज़ी हैं। उन्होंने आख़िरी शेर में अपना तख़ल्लुस “नियाज़ी” इस्तेमाल किया है।

Q2. इस कलाम का मुख्य संदेश क्या है?

इस कलाम का मुख्य संदेश हुज़ूर नबी-ए-करीम (स.अ.व.) की शान-ए-करीमी और उनकी रहमत पर शुक्र अदा करना है। शायर यह बता रहा है कि एक गुनहगार और बे-अमल इंसान भी जब सरकार की महफ़िलें सजाता है और उनसे निस्बत जोड़ता है, तो अल्लाह उसे हर ग़म से आज़ाद कर देता है और हुज़ूर की एक निगाह-ए-करम उसे दोनों जहाँ में ग़नी (धनवान/बेपरवाह) कर देती है।

ज़रूरी लिंक्स (Important Links)

  • YouTube पर सुनें: ओवैस रज़ा क़ादरी की आवाज़ में यह नात सुनें।
  • शायर के बारे में जानें: शायर अब्दुल सत्तार नियाज़ी के बारे में और पढ़ें।
  • हमारी वेबसाइट पर दूसरी मशहूर नातें पढ़ें।

 

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