Muzhda Baad Aye Aasiyon Shafe Shah-e-Abraar Hai Lyrics

Muzhda Baad Aye Aasiyon Shafe Shah-e-Abraar Hai Lyrics

“मुज़्दा बाद ऐ आसियों! शाफ़े-ए-शह-ए-अबरार है” यह सिर्फ़ एक नात का मिसरा नहीं, बल्कि हर गुनहगार के लिए बख़्शिश और शफ़ाअत की ख़ुशख़बरी है। इस शाहकार कलाम को इमाम-ए-अहल-ए-सुन्नत, आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ान बरेलवी (रहमतुल्लाह अलैह) ने अपनी क़लम से सजाया है। यह नात-ए-पाक उनके मशहूर-ओ-मारूफ़ दीवान “हदाएक़-ए-बख़्शिश” में शामिल है।

इस कलाम में आला हज़रत ने हुज़ूर नबी-ए-करीम (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की शान-ए-शफ़ाअत को बयान करते हुए गुनहगारों को मुबारकबाद दी है कि तुम्हारा सिफ़ारिशी ऐसा है जो नेकों का बादशाह है, और तुम्हारा रब ऐसा है जो बहुत बख़्शने वाला है। इस पेज पर आपको इस रूहानी नात के मुकम्मल बोल **चार भाषाओं (हिंदी, रोमन, उर्दू और गुजराती)** में मिलेंगे।

नात की जानकारी (Naat Information Table)

फीचर (Feature)विवरण (Details)
कलाम का उनवानमुज़्दा बाद ऐ आसियों! शाफ़े-ए-शह-ए-अबरार है
शायर (Poet)इमाम अहमद रज़ा ख़ान ‘आला हज़रत’ बरेलवी
किताब (Book)हदाएक़-ए-बख़्शिश (Hadaiq-e-Bakhshish)

“Muzhda Baad Aye Aasiyon” Full Naat Lyrics

Urdu Lyrics (اردو کے بول)

مژدہ باد اے عاصیو! شافع شہِ ابرار ہے
تہنیت اے مجرمو! ذاتِ خدا غفّار ہے

عرش سا فرشِ زمیں ہے فرشِ پا عرشِ بریں
کیا نرالی طرز کی نامِ خدا رفتار ہے

چاند شق ہو، پیڑ بولیں، جانور سجدے کریں
بَارَکَ اللہ مرجعِ عالم یہی سرکار ہے

تیرے ہی دامن پہ ہر عاصی کی پڑتی ہے نظر
ایک جانِ بے خطا پر دو جہاں کا بار ہے

گورے گورے پاؤں چمکا دو خدا کے واسطے
نور کا تڑکا ہو پیارے گور کی شب تار ہے

گُونج گُونج اٹھے ہیں نغماتِ رضاؔ سے بوستاں
کیوں نہ ہو کس پھول کی مدحت میں وا منقار ہے

Hindi Lyrics (हिन्दी बोल)

मुज़्दा बाद ऐ आसियों! शाफ़े-ए-शह-ए-अबरार है,
तहनियत ऐ मुजरिमों! ज़ात-ए-ख़ुदा ग़फ़्फ़ार है।

अर्श सा फ़र्श-ए-ज़मीं है, फ़र्श-ए-पा अर्श-ए-बरीं,
क्या निराली तर्ज़ की नाम-ए-ख़ुदा रफ़्तार है।

चाँद शक़ हो, पेड़ बोलें, जानवर सजदे करें,
बार-कल्लाह मरजा-ए-आलम यही सरकार है।

तेरे ही दामन पे हर आसी की पड़ती है नज़र,
एक जान-ए-बे-ख़ता पर दो जहाँ का बार है।

गोरे गोरे पाँव चमका दो ख़ुदा के वास्ते,
नूर का तड़का हो प्यारे गोर की शब तार है।

गूँज गूँज उठे हैं नग़मात-ए-रज़ा से बोस्ताँ,
क्यूँ न हो किस फूल की मिदहत में वा मिन्क़ार है।

Roman English Lyrics

Muzhda baad aye aasiyon! Shafe Shah-e-Abraar hai,
Tehniyat aye mujrimon! Zaat-e-Khuda Ghaffaar hai.

Arsh sa farsh-e-zameen hai, farsh-e-paa arsh-e-bareen,
Kya nirali tarz ki naam-e-Khuda raftaar hai.

Chand shaq ho, ped bolen, janwar sajde karein,
BarakAllah marja-e-aalam yahi Sarkar hai.

Tere hi daaman pe har aasi ki padti hai nazar,
Ek jaan-e-be-khata par do jahan ka baar hai.

Gore gore paaon chamka do Khuda ke waste,
Noor ka tadka ho pyare gor ki shab taar hai.

Goonj goonj uthe hain naghmaat-e-Raza se bostaan,
Kyun na ho kis phool ki midhat mein wa minqaar hai.

Gujarati Lyrics (ગુજરાતી ગીતો)

મુઝદા બાદ ઐ આસિયોં! શાફે શહ-એ-અબરાર હૈ,
તહનિયત ઐ મુજરિમોં! ઝાત-એ-ખુદા ગફ્ફાર હૈ.

અર્શ સા ફર્શ-એ-ઝમીં હૈ, ફર્શ-એ-પા અર્શ-એ-બરીં,
ક્યા નિરાલી તર્ઝ કી નામ-એ-ખુદા રફ્તાર હૈ.

ચાંદ શક હો, પેડ બોલેં, જાનવર સજદે કરેં,
બાર-કલ્લાહ મરજઅ-એ-આલમ યહી સરકાર હૈ.

તેરે હી દામન પે હર આસિ કી પડતી હૈ નઝર,
એક જાન-એ-બે-ખતા પર દો જહાં કા બાર હૈ.

ગોરે ગોરે પાંવ ચમકા દો ખુદા કે વાસ્તે,
નૂર કા તડકા હો પ્યારે ગોર કી શબ તાર હૈ.

ગૂંજ ગૂંજ ઉઠે હૈં નગમાત-એ-રઝા સે બોસ્તાં,
ક્યૂં ન હો કિસ ફૂલ કી મિદહત મેં વા મિન્કાર હૈ.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)

Q1. इस नात का शायर कौन है?

इस शाहकार नात के शायर इमाम-ए-अहल-ए-सुन्नत, आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ान फ़ाज़िल-ए-बरेलवी (रहमतुल्लाह अलैह) हैं।

Q2. “मुज़्दा बाद” और “तहनियत” का क्या मतलब है?

“मुज़्दा बाद” का मतलब है “ख़ुशख़बरी हो” और “तहनियत” का मतलब है “मुबारकबाद”। शायर गुनहगारों को ख़ुशख़बरी और मुबारकबाद दे रहा है कि तुम्हारा शफ़ाअत करने वाला नेकों का बादशाह (हज़रत मुहम्मद स.अ.व.) है और तुम्हारा रब बड़ा बख़्शने वाला है, इसलिए नाउम्मीद होने की ज़रूरत नहीं है।

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